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सरपंचों के साथ आज 352 पंचायत समितियों के सदस्य भी करेंगे साधारण सभा की बैठक का बहिष्कार

आज राज्य सरकार की ओर पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक बुलाई गई है. जिसका सरपंचों के साथ ही 352 पंचायत समितियों के 6236 सदस्यों ने बहिष्कार करने का निर्णय (panchayat committees members boycott meeting) लिया है.

panchayat committees members boycott meeting
panchayat committees members boycott meeting
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Published : May 8, 2023, 11:50 AM IST

राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सुरपुरा

जयपुर. प्रदेश में एक ओर राज्य की गहलोत सरकार महंगाई राहत कैंप लगा रही है तो वहीं दूसरी ओर सरपंचों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीते 20 अप्रैल से ग्राम पंचायतों में तालाबंदी कर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी तक उनके इस प्रदर्शन में पंचायत समिति और जिला परिषद के सदस्य शामिल नहीं थे, लेकिन अब इन लोगों का भी सरपंचों को समर्थन प्राप्त हो गया है. वहीं, पंचायत समिति सदस्य भी पिछले 8 माह से अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सरपंचों और पंचायत समिति सदस्यों की मांगे भले ही अलग-अलग हैं, लेकिन सोमवार यानी आज ये दोनों संयुक्त रूप से राज्य सरकार की ओर से बुलाई गई साधारण सभा की बैठक का बहिष्कार करेंगे.

बता दें कि साधारण सभा की बैठक में सरपंचों के साथ ही प्रदेश के 6236 पंचायत समिति के सदस्यों को शामिल होना है. इसको लेकर राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सुरपुरा ने बताया कि सरकार से लगातार उन्हें आश्वासन मिल रहा है. लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यही वजह है कि अब प्रदेश की सभी 352 पंचायत समितियों ने सरकार की सभी साधारण सभा की बैठकों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

गौर हो कि सरकार के निर्देश पर प्रत्येक पंचायत समितियों और जिला परिषद में (PMKSY) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना व (RGJSY) राजीव गांधी जल संचयन योजना के डीपीआर के अनुमोदन के लिए विशेष साधारण सभा का आयोजन रखा गया है. लेकिन अब साधारण सभा की बैठक बिना सरपंच और पंचायत समिति सदस्य के किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाएगी.

ये हैं पंचायत समिति सदस्यों की नौ सूत्रीय मांगें

  1. सरपंच, प्रधान व जिला प्रमुख की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी प्रशासनिक अधिकार, विभिन्न दस्तावेजों का सत्यापन, प्रमाणीकरण करने का अधिकार देने के लिए विभागीय स्तर से प्रपत्र जारी किया जाए.
  2. अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र व राज्यों से प्राप्त अनुदान राशि मे से पंचायत समिति सदस्यों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने निर्वाचित क्षेत्र में विकास करवाने हेतु निर्धारित अनुपात में राशि उपलब्ध करवाई जाए.
  3. अपने वार्ड में पंचायत समिति के मद से विकास कार्य स्वीकृत करवाने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा प्रपत्र 5 दिए जाने की अनिवार्यता को हटाया जाए. इसकी जगह पंचायत समिति सदस्यों से प्रपत्र 5 लिए जाने की स्वीकृति जारी की जाए.
  4. स्वायत्तशासी संस्थाओं के पार्षदों व पंचायत राज संस्थाओं के प्रधान, जिला प्रमुख व सरपंच की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी मासिक मानदेय न्यूनतम ₹10,000 स्वीकृत किए जाएं.
  5. सदस्यों के वार्ड में होने वाले प्रत्येक विकास कार्यों के पूर्णतया, उपयोगिता प्रमाण पत्र पर पंचायत समिति सदस्य के हस्ताक्षर अनिवार्य किए जाएं.
  6. पंचायत समिति सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायत की, कोरम बैठकों में लिए जाने वाले निर्णय में कोरम के साथ विशेष आमंत्रित सदस्य के रुप में शामिल किए जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी करवाएं.
  7. वार्ड क्षेत्र में होने वाले प्रत्येक विकास कार्य की शिलालेख पट्टिका पर पंचायत समिति सदस्य का नाम लिखे जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी किया जाए.
  8. पंचायत समिति सदस्य के वार्ड में पंचायत समिति से स्वीकृत विकास कार्य मे सदस्य की अनुशंसा अनिवार्य की जाए.
  9. सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायतों के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति वित्तीय स्वीकृति आदि का प्रगति विवरण उपलब्ध करवाने के दिशा निर्देश जारी किए जाएं.

इसे भी पढ़ें - चूरू पंचायत भवन में तालाबंदी कर सरपंचों ने जताई नाराजगी, महंगाई राहत कैंप का किया बहिष्कार

एक नजर सरपंचों की मांगों पर

  1. गांव के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले फंड जो कि लगभग 4000 करोड़ रुपए हैं उसे शीघ्र पंचायतों के खातों में डाला जाए.
  2. प्रधानमंत्री आवास में शेष पात्र व्यक्तियों की आवास स्वीकृति तत्काल निकाली जाए.
  3. राज्य सरकार की ओर से 10 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ देने के लिए ऑनलाइन फॉर्म लिए गए थे, उन्हें खाद्य सुरक्षा का लाभ तुरंत दिया जाए.
  4. नरेगा योजना में कई जिलों का सत्यापन के बाद भी भुगतान बकाया है, उस भुगतान को तुरंत रिलीज किया जाए. साथ ही एक पंचायत में केवल 20 काम ही स्वीकृत होंगे यह बाध्यता भी खत्म की जाए और नेटवर्क की प्रॉब्लम को देखते हुए ऑनलाइन हाजरी बंद की जाए.
  5. 13 जिलों को पेयजल का लाभ पहुंचाने वाली स्टंन कैनाल प्रोजेक्ट को नेशनल परियोजना घोषित की जाए,सहित विभिन्न मांगे शामिल हैBody:वाइट राजेंद्र सिंह सुरपुरा प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ

राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सुरपुरा

जयपुर. प्रदेश में एक ओर राज्य की गहलोत सरकार महंगाई राहत कैंप लगा रही है तो वहीं दूसरी ओर सरपंचों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीते 20 अप्रैल से ग्राम पंचायतों में तालाबंदी कर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी तक उनके इस प्रदर्शन में पंचायत समिति और जिला परिषद के सदस्य शामिल नहीं थे, लेकिन अब इन लोगों का भी सरपंचों को समर्थन प्राप्त हो गया है. वहीं, पंचायत समिति सदस्य भी पिछले 8 माह से अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सरपंचों और पंचायत समिति सदस्यों की मांगे भले ही अलग-अलग हैं, लेकिन सोमवार यानी आज ये दोनों संयुक्त रूप से राज्य सरकार की ओर से बुलाई गई साधारण सभा की बैठक का बहिष्कार करेंगे.

बता दें कि साधारण सभा की बैठक में सरपंचों के साथ ही प्रदेश के 6236 पंचायत समिति के सदस्यों को शामिल होना है. इसको लेकर राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सुरपुरा ने बताया कि सरकार से लगातार उन्हें आश्वासन मिल रहा है. लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यही वजह है कि अब प्रदेश की सभी 352 पंचायत समितियों ने सरकार की सभी साधारण सभा की बैठकों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

गौर हो कि सरकार के निर्देश पर प्रत्येक पंचायत समितियों और जिला परिषद में (PMKSY) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना व (RGJSY) राजीव गांधी जल संचयन योजना के डीपीआर के अनुमोदन के लिए विशेष साधारण सभा का आयोजन रखा गया है. लेकिन अब साधारण सभा की बैठक बिना सरपंच और पंचायत समिति सदस्य के किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाएगी.

ये हैं पंचायत समिति सदस्यों की नौ सूत्रीय मांगें

  1. सरपंच, प्रधान व जिला प्रमुख की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी प्रशासनिक अधिकार, विभिन्न दस्तावेजों का सत्यापन, प्रमाणीकरण करने का अधिकार देने के लिए विभागीय स्तर से प्रपत्र जारी किया जाए.
  2. अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र व राज्यों से प्राप्त अनुदान राशि मे से पंचायत समिति सदस्यों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने निर्वाचित क्षेत्र में विकास करवाने हेतु निर्धारित अनुपात में राशि उपलब्ध करवाई जाए.
  3. अपने वार्ड में पंचायत समिति के मद से विकास कार्य स्वीकृत करवाने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा प्रपत्र 5 दिए जाने की अनिवार्यता को हटाया जाए. इसकी जगह पंचायत समिति सदस्यों से प्रपत्र 5 लिए जाने की स्वीकृति जारी की जाए.
  4. स्वायत्तशासी संस्थाओं के पार्षदों व पंचायत राज संस्थाओं के प्रधान, जिला प्रमुख व सरपंच की भांति पंचायत समिति सदस्यों को भी मासिक मानदेय न्यूनतम ₹10,000 स्वीकृत किए जाएं.
  5. सदस्यों के वार्ड में होने वाले प्रत्येक विकास कार्यों के पूर्णतया, उपयोगिता प्रमाण पत्र पर पंचायत समिति सदस्य के हस्ताक्षर अनिवार्य किए जाएं.
  6. पंचायत समिति सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायत की, कोरम बैठकों में लिए जाने वाले निर्णय में कोरम के साथ विशेष आमंत्रित सदस्य के रुप में शामिल किए जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी करवाएं.
  7. वार्ड क्षेत्र में होने वाले प्रत्येक विकास कार्य की शिलालेख पट्टिका पर पंचायत समिति सदस्य का नाम लिखे जाने को लेकर विभाग से परिपत्र जारी किया जाए.
  8. पंचायत समिति सदस्य के वार्ड में पंचायत समिति से स्वीकृत विकास कार्य मे सदस्य की अनुशंसा अनिवार्य की जाए.
  9. सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली पंचायतों के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति वित्तीय स्वीकृति आदि का प्रगति विवरण उपलब्ध करवाने के दिशा निर्देश जारी किए जाएं.

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एक नजर सरपंचों की मांगों पर

  1. गांव के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले फंड जो कि लगभग 4000 करोड़ रुपए हैं उसे शीघ्र पंचायतों के खातों में डाला जाए.
  2. प्रधानमंत्री आवास में शेष पात्र व्यक्तियों की आवास स्वीकृति तत्काल निकाली जाए.
  3. राज्य सरकार की ओर से 10 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ देने के लिए ऑनलाइन फॉर्म लिए गए थे, उन्हें खाद्य सुरक्षा का लाभ तुरंत दिया जाए.
  4. नरेगा योजना में कई जिलों का सत्यापन के बाद भी भुगतान बकाया है, उस भुगतान को तुरंत रिलीज किया जाए. साथ ही एक पंचायत में केवल 20 काम ही स्वीकृत होंगे यह बाध्यता भी खत्म की जाए और नेटवर्क की प्रॉब्लम को देखते हुए ऑनलाइन हाजरी बंद की जाए.
  5. 13 जिलों को पेयजल का लाभ पहुंचाने वाली स्टंन कैनाल प्रोजेक्ट को नेशनल परियोजना घोषित की जाए,सहित विभिन्न मांगे शामिल हैBody:वाइट राजेंद्र सिंह सुरपुरा प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान पंचायत समिति सदस्य संघ
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