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Sardarshahar Bypoll : कांग्रेस का हाथ हुआ मजबूत, डोटासरा का कद बढ़ा...BJP में इन नेताओं की शाख पर पड़ेगा असर

सरदारशहर उपचुनाव में एक बार फिर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के उम्मीदवार और दिवंगत भंवर लाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा ने विरासत को संभालते हुए जीत हासिल की है. सरदारशहर नतीजों के बाद कांग्रेस उत्साहित है तो बीजेपी में सन्नाटा पसरा हुआ है.

सरदारशहर में उपचुनाव
सरदारशहर में उपचुनाव
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Published : Dec 8, 2022, 3:47 PM IST

Updated : Dec 8, 2022, 4:24 PM IST

जयपुर. राजस्थान के चूरू जिले की सरदारशहर विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी (Sardarshahar Bypoll) अनिल शर्मा ने जीत हासिल की है. अनिल शर्मा अपने पिता दिवंगत भंवरलाल शर्मा की विरासत को बनाए रखने में कामयाब रहे. चुनाव नतीजे सामने आने के साथ ही कांग्रेस अब पूरी तरीके से उत्साहित है और इस नतीजे को 2023 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल का रिजल्ट बता रही है. वहीं, बीजेपी इस पूरे मामले पर अभी चुप्पी साधे हुए है.

2023 का सेमीफाइनल रिजल्ट : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हम तो पहले कह रहे थे कि कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत होगी और भाजपा की जमानत जब्त होगी. भाजपा ने झूठ बोलने के अलावा कोई काम नहीं किया. केंद्र की मोदी सरकार झूठ बोलने का काम कर रही है. राजस्थान में बीजेपी 13 जगह बिखरी पड़ी है. उनके सबके अपने व्यक्तिगत एजेंडे हैं, उनका पार्टी से कोई सरोकार नहीं है. डोटासरा ने कहा कि बीजेपी ने विपक्ष के नाते सरकार की नीतियों के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं किया. यहां पर सब स्वयंभू मुख्यमंत्री बने बैठे हैं. हार का अनुमान बीजेपी को पहले ही था, इसलिस कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. टिकट सरेंडर कर दिया था.

राठौड़ को सीट चाहिए, इसलिए पिंचा की बली दी : डोटासरा ने कहा कि सरदारशहर उपचुनाव में बीजेपी का जो उम्मीदवार था अशोक पिंचा, वह चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. बावजूद इसके, जबरन उसे टिकट (Govind Dotasra Targets BJP) दिया गया और यह सब रणनीति उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की थी. क्योंकि वह अगला चुनाव वहां से लड़ना चाहते हैं. इसलिए उनको सीट वेकेंट चाहिए. उन्होंने पिंचा को बलि का बकरा बनाकर उसको हरा दिया.

डोटासरा ने कहा कि राठौड़ पूरे चुनाव की कमान सम्भाले हुए थे, क्या हुआ ? उन्होंने कहा कि 2023 में चुनाव जीतने की बात करते हैं, लेकिन सामने आ गया ना कि क्या चुनाव का परिणाम रहा है. 9 उपचुनाव हुए जिसमें से सिर्फ एक राजसमंद का चुनाव जीते हैं. दूसरी सीट साझा उम्मीदवार के साथ जीती है, बाकी तो सभी 7 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. यह गुड गवर्नेंस का नतीजा है. यह कांग्रेस की विचारधारा की जीत है. राहुल गांधी जिस प्रकार से देश को जोड़ने का काम कर रहे हैं, उसका परिणाम है. डोटासरा ने कहा कि अब प्रदेश की जनता समझने लगी है कि कांग्रेस जो बातें करती है, जिस विचारधारा की बात कर रही है, वह सब सही है. बीजेपी सिर्फ झूठ का पुलिंदा है और लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है.

पढ़ें : सरदारशहर उप चुनाव: बीजेपी के लिए आंकलन का मौका, तो कांग्रेस सहानुभूति कार्ड का ले सकती है सहारा

बीजेपी ने साधी चुप्पी : सरदारशहर उपचुनाव पर बीजेपी कुछ भी नहीं बोल रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, यह तीनों चुनाव की कमान संभाले हुए थे. लेकिन परिणाम आने के बावजूद भी बीजेपी ने अभी तक इस चुनाव पर अपनी तरफ से कोई रिएक्शन नहीं दिया है. उपचुनाव में बीजेपी का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है. मौजूदा सरकार के 4 साल में 9 उपचुनाव में बीजेपी मात्र एक सीट जीत पाई है.

हनुमान बेनीवाल ने बिगाड़ा गणित : सरदारशहर दिवंगत कांग्रेस के नेता भंवरलाल शर्मा की विरासत के तौर पर देखी जाने वाली सीट रही है. भंवर लाल शर्मा यहां से 7 बार चुनाव जीत चुके थे. इस बार उनके बेटे (Congress Won Rajasthan By Election) अनिल शर्मा ने उनकी इस विरासत को आगे बढ़ाया है. हालांकि, इस बार आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने अपना उम्मीदवार बनाकर यहां पर मुकाबले को त्रिकोणीय करने की कोशिश जरूर की, लेकिन बेनीवाल के कारण बड़ा नुकसान बीजेपी को ही उठाना पड़ा.

करीब 70 हजार के जाट बाहुल्य वोट बैंक को हनुमान बेनीवाल ने अपनी ओर खींचने की कोशिश की है. काउंटिंग में शुरू से बढ़त बनाए कांग्रेस उम्मीदवार अनिल शर्मा ने 91,357 वोट लेकर 26,852 वोटों से जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक पिंचा रहे जिन्हें 64,505 वोट मिले. वहीं, हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से लालचंद मूंड को 46,753 वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे. उपचुनाव में 72.9 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसका सभी दल अपने-अपने हिसाब से आकलन कर रहे थे. पिछली बार की तुलना में यहां 4.33 प्रतिशत कम मतदान हुआ.

तीन नेताओं साख पर बट्टा : सरदारशहर उपचुनाव को लेकर वैसे तो पहले से ही बीजेपी कहती रही है कि इस चुनाव के परिणाम को 2023 विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर नहीं देखा जा सकता. बावजूद इसके, बीजेपी जीत का दावा भी लगातार करती रही थी. सरदारशहर उपचुनाव सीट पर तीन नेताओं की बड़ी जिम्मेदारी थी. उसमें चूरू जिले से आने वाले विधायक और सदन में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, दूसरे चूरू जिले में जन्मे और मौजूदा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, तीसरे नंबर पर चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल थे. अब उपचुनाव के नतीजों से इन तीनों नेताओं की साख पर असर पड़ेगा.

सरदार शहर में तीसरी बार हुए हैं उपचुनाव : आजादी के बाद सरदारशहर विधानसभा सीट पर तीसरी बार उपचुनाव हुए हैं. सबसे पहले सातवीं विधानसभा के दौरान हुए उपचुनाव में कांग्रेस के केसरीचंद बोहरा ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद दसवीं विधानसभा के दौरान हुए उपचुनाव में कांग्रेस के भंवरलाल शर्मा ने जीत दर्ज की थी. तीसरा उपचुनाव कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद 5 दिसंबर को हुआ और आज जिसका परिणाम आया.

10 प्रत्याशी रहे मैदान में : स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद सरदारशहर सीट पर हुए उपचुनाव में कुल 10 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया था. इनमें कांग्रेस के प्रत्याशी स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के पुत्र अनिल शर्मा हैं, जबकि बीजेपी से पूर्व विधायक अशोक कुमार पिंचा प्रत्याशी थे. तीसरे प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से लालचंद मूंड मैदान में थे. 7 अन्य प्रत्याशियों में सीपीएम के सांवरमल मेघवाल, इंडियन पीपल्स ग्रीन पार्टी के परमाना राम और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विजय पाल श्योराण, सुभाष चंद, उमेश साहू, प्रेम सिंह और सुरेन्द्र सिंह शामिल हैं.

जयपुर. राजस्थान के चूरू जिले की सरदारशहर विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी (Sardarshahar Bypoll) अनिल शर्मा ने जीत हासिल की है. अनिल शर्मा अपने पिता दिवंगत भंवरलाल शर्मा की विरासत को बनाए रखने में कामयाब रहे. चुनाव नतीजे सामने आने के साथ ही कांग्रेस अब पूरी तरीके से उत्साहित है और इस नतीजे को 2023 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल का रिजल्ट बता रही है. वहीं, बीजेपी इस पूरे मामले पर अभी चुप्पी साधे हुए है.

2023 का सेमीफाइनल रिजल्ट : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हम तो पहले कह रहे थे कि कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत होगी और भाजपा की जमानत जब्त होगी. भाजपा ने झूठ बोलने के अलावा कोई काम नहीं किया. केंद्र की मोदी सरकार झूठ बोलने का काम कर रही है. राजस्थान में बीजेपी 13 जगह बिखरी पड़ी है. उनके सबके अपने व्यक्तिगत एजेंडे हैं, उनका पार्टी से कोई सरोकार नहीं है. डोटासरा ने कहा कि बीजेपी ने विपक्ष के नाते सरकार की नीतियों के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं किया. यहां पर सब स्वयंभू मुख्यमंत्री बने बैठे हैं. हार का अनुमान बीजेपी को पहले ही था, इसलिस कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. टिकट सरेंडर कर दिया था.

राठौड़ को सीट चाहिए, इसलिए पिंचा की बली दी : डोटासरा ने कहा कि सरदारशहर उपचुनाव में बीजेपी का जो उम्मीदवार था अशोक पिंचा, वह चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. बावजूद इसके, जबरन उसे टिकट (Govind Dotasra Targets BJP) दिया गया और यह सब रणनीति उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की थी. क्योंकि वह अगला चुनाव वहां से लड़ना चाहते हैं. इसलिए उनको सीट वेकेंट चाहिए. उन्होंने पिंचा को बलि का बकरा बनाकर उसको हरा दिया.

डोटासरा ने कहा कि राठौड़ पूरे चुनाव की कमान सम्भाले हुए थे, क्या हुआ ? उन्होंने कहा कि 2023 में चुनाव जीतने की बात करते हैं, लेकिन सामने आ गया ना कि क्या चुनाव का परिणाम रहा है. 9 उपचुनाव हुए जिसमें से सिर्फ एक राजसमंद का चुनाव जीते हैं. दूसरी सीट साझा उम्मीदवार के साथ जीती है, बाकी तो सभी 7 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. यह गुड गवर्नेंस का नतीजा है. यह कांग्रेस की विचारधारा की जीत है. राहुल गांधी जिस प्रकार से देश को जोड़ने का काम कर रहे हैं, उसका परिणाम है. डोटासरा ने कहा कि अब प्रदेश की जनता समझने लगी है कि कांग्रेस जो बातें करती है, जिस विचारधारा की बात कर रही है, वह सब सही है. बीजेपी सिर्फ झूठ का पुलिंदा है और लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है.

पढ़ें : सरदारशहर उप चुनाव: बीजेपी के लिए आंकलन का मौका, तो कांग्रेस सहानुभूति कार्ड का ले सकती है सहारा

बीजेपी ने साधी चुप्पी : सरदारशहर उपचुनाव पर बीजेपी कुछ भी नहीं बोल रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, यह तीनों चुनाव की कमान संभाले हुए थे. लेकिन परिणाम आने के बावजूद भी बीजेपी ने अभी तक इस चुनाव पर अपनी तरफ से कोई रिएक्शन नहीं दिया है. उपचुनाव में बीजेपी का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है. मौजूदा सरकार के 4 साल में 9 उपचुनाव में बीजेपी मात्र एक सीट जीत पाई है.

हनुमान बेनीवाल ने बिगाड़ा गणित : सरदारशहर दिवंगत कांग्रेस के नेता भंवरलाल शर्मा की विरासत के तौर पर देखी जाने वाली सीट रही है. भंवर लाल शर्मा यहां से 7 बार चुनाव जीत चुके थे. इस बार उनके बेटे (Congress Won Rajasthan By Election) अनिल शर्मा ने उनकी इस विरासत को आगे बढ़ाया है. हालांकि, इस बार आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने अपना उम्मीदवार बनाकर यहां पर मुकाबले को त्रिकोणीय करने की कोशिश जरूर की, लेकिन बेनीवाल के कारण बड़ा नुकसान बीजेपी को ही उठाना पड़ा.

करीब 70 हजार के जाट बाहुल्य वोट बैंक को हनुमान बेनीवाल ने अपनी ओर खींचने की कोशिश की है. काउंटिंग में शुरू से बढ़त बनाए कांग्रेस उम्मीदवार अनिल शर्मा ने 91,357 वोट लेकर 26,852 वोटों से जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक पिंचा रहे जिन्हें 64,505 वोट मिले. वहीं, हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से लालचंद मूंड को 46,753 वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे. उपचुनाव में 72.9 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसका सभी दल अपने-अपने हिसाब से आकलन कर रहे थे. पिछली बार की तुलना में यहां 4.33 प्रतिशत कम मतदान हुआ.

तीन नेताओं साख पर बट्टा : सरदारशहर उपचुनाव को लेकर वैसे तो पहले से ही बीजेपी कहती रही है कि इस चुनाव के परिणाम को 2023 विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर नहीं देखा जा सकता. बावजूद इसके, बीजेपी जीत का दावा भी लगातार करती रही थी. सरदारशहर उपचुनाव सीट पर तीन नेताओं की बड़ी जिम्मेदारी थी. उसमें चूरू जिले से आने वाले विधायक और सदन में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, दूसरे चूरू जिले में जन्मे और मौजूदा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, तीसरे नंबर पर चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल थे. अब उपचुनाव के नतीजों से इन तीनों नेताओं की साख पर असर पड़ेगा.

सरदार शहर में तीसरी बार हुए हैं उपचुनाव : आजादी के बाद सरदारशहर विधानसभा सीट पर तीसरी बार उपचुनाव हुए हैं. सबसे पहले सातवीं विधानसभा के दौरान हुए उपचुनाव में कांग्रेस के केसरीचंद बोहरा ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद दसवीं विधानसभा के दौरान हुए उपचुनाव में कांग्रेस के भंवरलाल शर्मा ने जीत दर्ज की थी. तीसरा उपचुनाव कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद 5 दिसंबर को हुआ और आज जिसका परिणाम आया.

10 प्रत्याशी रहे मैदान में : स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद सरदारशहर सीट पर हुए उपचुनाव में कुल 10 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया था. इनमें कांग्रेस के प्रत्याशी स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के पुत्र अनिल शर्मा हैं, जबकि बीजेपी से पूर्व विधायक अशोक कुमार पिंचा प्रत्याशी थे. तीसरे प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से लालचंद मूंड मैदान में थे. 7 अन्य प्रत्याशियों में सीपीएम के सांवरमल मेघवाल, इंडियन पीपल्स ग्रीन पार्टी के परमाना राम और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विजय पाल श्योराण, सुभाष चंद, उमेश साहू, प्रेम सिंह और सुरेन्द्र सिंह शामिल हैं.

Last Updated : Dec 8, 2022, 4:24 PM IST
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