जयपुर. राजधानी के विद्याधर नगर स्थित पापड़वाले हनुमान जी मंदिर के पास वन विभाग की ओर से नाहरगढ़ अभयारण्य (मायलाबाग) का एंट्री गेट बनाया जा रहा है, जिसे शिफ्ट करने की मांग को लेकर अब संत और श्रद्धालु आंदोलन की राह पर उतर गए हैं. संत समाज ने जन आक्रोश सभा करते हुए चेतावनी दी है कि यदि 10 दिन में उनकी मांग नहीं मानी जाती, तो फिर विधानसभा का घेराव किया जाएगा.
पापड़ेश्वर महादेव मंदिर तक बने मार्ग : जन आक्रोश सभा के दौरान संत समाज ने एक स्वर में कहा कि वन विभाग 2.5 हजार से ज्यादा प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं को जाने से रोक रहा है. ये हिंदू आस्था पर आघात है, इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा. मंगलवार को पापड़ेश्वर महादेव मंदिर तक श्रद्धालुओं की निर्बाध आवाजाही के लिए अलग से मार्ग बनाने और नाहरगढ़ अभयारण्य का एंट्री गेट शिफ्ट करने की मांग की.
वन विभाग छोड़े हठधर्मिता : पापड़वाले हनुमानजी मंदिर में महंत रामसेवक दास महाराज के सान्निध्य में सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान त्रिवेणी पीठाधीश्वर खोजीचार्य रामरिछपालदास महाराज, अग्र पीठाधीश्वर डॉ. राघवाचार्य महाराज भी मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि सरिस्का और रणथंभौर अभ्यारण में भी मंदिर है, लेकिन वहां तक श्रद्धालुओं को आने-जाने में किसी तरह की रोक-टोक नहीं है. वन विभाग को हठधर्मिता छोड़कर भक्तों के लिए एक अलग से रास्ता देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार के स्तर पर वार्ता कर कोई न कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए, अन्यथा संत समाज सड़कों पर उतरेगा और विधानसभा कूच करेगा. मंदिर बचाओ-सनातन बचाओ के आह्वान पर जन आक्रोश सभा में हजारों की संख्या में पापड़ वाले हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं ने जय श्री राम के जयकारों के साथ सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया. साथ ही वन विभाग के अधिकारियों को लिखा पत्र संत समाज को सौंपा.