जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव का कहना है कि पीड़ित पक्षकार को न्याय दिलवाना ही न्यायपालिका का मुख्य ध्येय है, लेकिन इसके लिए अदालतों के पास आधारभूत सुविधाओं का होना भी जरूरी है. एक्टिंग सीजे ने ये विचार शनिवार को नए सांगानेर कोर्ट परिसर के भूमि पूजन और नवनिर्मित भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में रखे.
एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव ने कहा कि बार व बेंच न्याय के दो स्तम्भ हैं, जिनका उद्देश्य पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाना है. पीड़ित पक्षकार को जल्दी से जल्दी न्याय मिले, इसलिए लिए जरूरी है कि न्यायालयों में पर्याप्त न्यायिक अधिकारी व कर्मचारी और अन्य सुविधाएं व संसाधन भी हों. उन्होंने नए सांगानेर कोर्ट परिसर के लिए जमीन आवंटित होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह भविष्य के लिए एक आधारशिला है और यहां भव्य कोर्ट कक्षों का निर्माण हो सकेगा.
पढ़ेंः CJI DY Chandrachud: कानूनी प्रणाली में प्रौद्योगिकी एक शक्तिशाली उपकरण: सीजेआई
इस दौरान जस्टिस उमाशंकर व्यास ने आगामी जरूरतों के हिसाब से नई तकनीक से न्यायालय कक्ष बनाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि कक्ष ऐसे बने कि जमीन का समुचित उपयोग हो सके. वहीं जस्टिस अनिल उपमन ने सांगानेर में जमीन आवंटन को मील का पत्थर बताया. सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेन्द्र जैन ने बताया कि कार्यक्रम में जयपुर मेट्रो-प्रथम डीजे नंदिनी व्यास, एडीजे विशाल भार्गव, एसडीओ एकता काबरा व सीजेएम जयपुर महानगर नरेंद्र खत्री सहित अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे. गौरतलब है कि सांगानेर में कोर्ट परिसर के नए भवन के लिए हाउसिंग बोर्ड ने 12 बीघा जमीन आवंटित की है.