जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में साधारण सभा की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. इस दौरान बीजेपी के पार्षद ही विपक्ष की भूमिका में दिखे. विकास के मुद्दे पर चर्चा को लेकर मेयर और डिप्टी मेयर के बीच टकराव हो गया. इसके बाद एजेंडे पर चर्चा की शुरुआत डिप्टी मेयर से करवाए जाने वाली परम्परा को ताक पर रखने की बात कहते हुए डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट सदन छोड़कर चले गए. इसके बाद सदन में विभिन्न वार्डों में विकास कार्य, सड़क, लाइट, उद्यान, श्मशान जैसे मुद्दों पर वार्ड 1 की पार्षद से शुरुआत हुई.आखिर में सभी वार्डों को विकास कार्यों के लिए एक करोड़ का बजट देने की सहमति बनी.
ग्रेटर नगर निगम में मंगलवार को चौथी बोर्ड बैठक आहूत हुई. पहली मर्तबा प्रत्येक वार्ड के पार्षदों को बोलने का मौका देने के उद्देश्य से वार्ड 1 की पार्षद से प्रस्ताव पर अपनी बात रखने की पहल की गई. साधारण सभा की बैठक को लेकर महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि हर एक पार्षद बोले, ये उद्देश्य था. सभी ने अपने वार्ड की समस्याएं बताई. इन समस्याओं के आधार पर प्रत्येक वार्ड को एक करोड़ का बजट दिया जाएगा. इसके अलावा जिन वार्डों में श्मशान घाट है, वहां श्मशान के विकास के लिए 10 लाख की अतिरिक्त राशि दी जाएगी.
ब्लैक लिस्टेड कंपनी पर की जाएगी कार्रवाई : सीएम की भाषा बोलने के आरोप पर महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि ये ग्रेटर नगर निगम की चौथी बोर्ड बैठक है, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि विकास कार्यों पर बोलने का सभी को मौका दिया जाएगा. सब की बात सुनने, सबका साथ और सबका विकास अगर किसी की भाषा होती है तो उन्हें ये आरोप समझ नहीं आता. उन्होंने कहा कि यहां सब के विकास की बात रखी गई है. सभी वार्ड में विकास के लिए बजट की बात रखी गई है. विद्युत समिति चेयरमैन के सवालों पर उन्होंने कहा कि सभी समितियों के चेयरमैन को संबंधित विषय के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए, जहां तक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काम देने की बात है तो ये संज्ञान में आया है, इस पर कार्रवाई की जाएगी.
महापौर ने सीएम का कथन दोहराया : इससे पहले ग्रेटर निगम में सदन शुरू होते ही बीजेपी पार्षदों ने निगम के अधिकारियों को टारगेट करना शुरू कर दिया. पार्षद हरिशंकर बोहरा और जयश्री गर्ग ने मुरलीपुरा और मालवीय नगर जोन के इंजीनियर्स के खिलाफ अभद्रता के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की. इस दौरान पार्षदों के समर्थन में डिप्टी मेयर भी उतर आए. देखते-देखते बीजेपी पार्षद मेयर के आसन के सामने आकर विरोध जताने लगे. हंगामे के चलते मेयर ने कमिश्नर को निर्देश दिए कि पार्षद जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, उसके लिए एक कमेटी बनाकर जांच करवाएं. डिप्टी मेयर इससे भी असहमत दिखे और जांच कमेटी में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करने की अपील की. आखिर में मेयर ने मुरलीपुरा जोन के इंजीनीयर महेन्द्र सैनी और मालवीय नगर फिरंगी लाल गोस्वामी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. इस दौरान महापौर ने सीएम का कथन दोहराया 'आप मांगते-मांगते थक जाओगे, मैं देते-देते नहीं थकूंगी'.
ठेकेदार, अधिकारी, कर्मचारियों का गठबंधन : विकास के मुद्दे पर चर्चा के लिए सबसे पहले डिप्टी मेयर को बोलने की परम्परा का निर्वहन नहीं किए जाने पर पुनीत कर्णावट सदन छोड़कर अपने चैंबर में चले गए और प्रधानमंत्री के 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' कार्यक्रम के संबोधन को सुनने लगे. उन्होंने कहा कि महापौर ने सदन में 2 मिनट बोलने की व्यवस्था बना दी है. ऐसे में उनका नंबर देरी में आएगा. उन्होंने सदन में किए विरोध पर कहा कि सदन की स्वस्थ परम्परा रही है कि जब साधारण सभा होती है तो उसकी शुरुआत उपमहापौर करता है. ये परंपरा नहीं टूटनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि निगम में अधिकारी बेलगाम हैं, भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. ठेकेदार, अधिकारी, कर्मचारियों का एक गठबंधन बना हुआ है. ठेकेदार की शिकायत करने पर अधिकारी ही पार्षद को धमका रहा है. ऐसे अधिकारी को सस्पेंड करना चाहिए, लेकिन उसको एपीओ किया गया, जो सजा नहीं. उन्होंने कहा कि महापौर ने डेयरी आवंटन पर भी एक कमेटी बनाई है, लेकिन कमिश्नर उसके फॉरमेशन का डिक्लेरेशन नहीं कर रहे.
बिल्ली को ही दूध की रखवाली के लिए लगाया : चेयरमैन सुखप्रीत बंसल ने कहा कि बोर्ड बैठक में ये तय हुआ था कि ईआईपीएल कंपनी के खिलाफ एमएनआईटी की ओर से जांच होगी, लेकिन 14 महीने बीत जाने के बाद भी न तो कोई जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई हुई. कंपनी हर महीने 3 से 4 करोड़ भुगतान ले रही है. उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्ट अधिकारी पूरी तरह से कंपनी के साथ मिले हुए हैं. सदन में पता लगा कि कंपनी के खिलाफ कमेटी गठित की गई है, लेकिन निगम ने बिल्ली को ही दूध की रखवाली के लिए लगा दिया है.
एसीबी में शिकायत करेंगी : उन्होंने बताया कि एक कंपनी जिसकी वजह से 10 साल के बच्चे की जान गई, उसे ब्लैक लिस्ट करने का फैसला लिया गया था. आरोप है कि उसे ही दोबारा प्रोत्साहित किया जा रहा है तो सजा किसको दी जाएगी. 14 महीने पहले विद्युत पोल की जो स्थिति थी वो आज भी बनी हुई है. उन्होंने कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष ने निगम के विद्युत विभाग में हुए भ्रष्टाचार पर उनसे इस्तीफा मांगा. इस पर उन्होंने कहा कि उनके स्वभाव में भागना नहीं, वो यहां लड़ेंगी भी और सबको नंगा करेंगी. नगर निगम प्रशासन की ओर से बनाई गई कमेटी जांच में यदि कंपनी को निर्दोष साबित करती है, तो वो एसीबी में शिकायत करेंगी.
पूर्व महापौर और विद्युत समिति की चेयरमैन शील धाभाई ने कहा कि विकास कार्य को लेकर अधिकारी जवाब नहीं देते. धाभाई ने प्रस्ताव में संभावित बजट लिखने की महापौर को नसीहत दी. उद्यान समिति की अध्यक्ष राखी राठौड़ ने कहा कि एनएचएआई, जेडीए और नगर निगम मिल कर के ड्रेनेज सिस्टम पर काम करें, जबकि चेयरमैन विनोद चौधरी ने नालों की सफाई और फेज वायर को लेकर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने सफाई कर्मचारियों के समानीकरण की बात कही. साथ ही गैराज शाखा में रोड स्वीपर के टेंडर को लेकर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि फाइनेंशियल बिड खुलने के बाद किसी फर्म को बाहर किए जाने का निगम में पहला मामला आया है.
बोर्ड बैठक में ये प्रस्ताव पारित :
- प्रत्येक वार्ड में एक-एक करोड़ रुपए के विकास कार्य पार्षद की अभिशंषा के अनुसार कराए जाएंगे.
- प्रत्येक वार्ड क्षेत्र के लिए जोनवार 50-50 लाख के पेच वर्क कराए जाएंगे और आवश्यकतानुसार इसे आरटीपीपी एक्ट के तहत 50 प्रतिशत तक और बढ़ाया जाएगा.
- प्रत्येक वार्ड में 10-10 लाख की राशि से वार्ड क्षेत्र के श्मशान / कब्रिस्तानों का विकास कार्य कराया जाएगा.
- उद्यानों के रख-रखाव कार्य के लिए कचरा पात्र, जिम उपकरण आपूर्ति कार्य स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किए गए हैं. खेल उपकरण, वृक्षारोपण और ट्री गार्ड की निविदाएं भी जल्द ही स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किया जाएगा. इसके अलावा अविकसित उद्यानों का जीर्णोद्धार करने के लिए आवश्यकतानुसार पार्षदगणों की अभिशंषानुसार विकास कार्य कराए जाएंगे.
- वार्ड क्षेत्रों में नई लाइटें लगाई जाने के लिए 20 हजार लाइट खरीदी जाएंगी. अर्द्ध विकसित वार्डों में 300-300 और विकसित वार्डों में 50-50 लाइट दीपावली से पहले लगाई जाएगी. आवश्यकतानुसार वार्ड क्षेत्रों में लगभग 1.20 करोड़ राशि से 3000 नए पोल मय फेज वायर लगाए जाएंगे.
- राजस्व वृद्धि के लिए वर्ष 2023-24 के लिए बजट में प्रस्तावित आय के प्रावधानों के अनुरूप राजस्व वसूली के लिए अभी से ही अधिकारियों को राजस्व वसूली के लक्ष्य आवंटित किए जाएंगे. आवंटित लक्ष्य से 70 प्रतिशत से कम राशि वसूलने वाले अधिकारियों की सूची सदन को पेश करने और सरकारी भूमि पर अवैध स्ट्रक्चर बनाकर प्रदर्शित किए जा रहे हैं. प्राइवेट विज्ञापन हटाने के बजाए, निर्मित स्ट्रचर सहित इन होर्डिंग्स साइटों को निगम की साइट घोषित कर इन होर्डिंग्स साइटों को विज्ञापन के लिए देकर राजस्व आय में वृद्धि की जाए.
- अमृत 2.0 के तहत इसी वित्तीय वर्ष 2023-24 में शहर की सीवर लाइनों के रिपेयर और नई लाइनें डालने के लिए पहले चरण के लिए 480 करोड़ और दूसरे चरण में भी 435 करोड़ की नई सीवर लाइनें डलवाने और रिपेयर कार्य के लिए डीपीआर तैयार कराए जाने का फैसला लिया गया.