जयपुर. राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कैंपस (RTU Campus) में छात्र और शिक्षक के बीच की मर्यादाएं टूट गई हैं. यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर गिरीश परमार पर एक छात्रा से पास करने के बदले अस्मत मांगने का आरोप है. पूरा मामला सामने आने के बाद परमार को यूनिवर्सिटी ने सस्पेंड कर दिया और और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर रहा है. इस वाकए ने इतिहास के उन शर्मनाक पलों की याद दिला दी जो समय के साथ लोग भूल चुके थे. राजस्थान यूनिवर्सिटी में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी जिसने शिक्षक और छात्र के बीच के रिश्ते को कलंकित कर दिया था.
सेक्सुअल फेवर के साथ ब्लैकमेल का आरोप- साल 2011 का वक्त, जब प्रदेश की सबसे बड़ी राजस्थान यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर को छात्रा से यौन संबंध बनाने की मांग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया (RTU like incident). फिजिक्स विभाग के रिसर्च गाइड डॉ. आरके सिंघल पीड़ित छात्रा के पीएचडी गाइड थे. प्रोफेसर ने छात्रा के सामने शर्त रखी थी कि अगर वो पीएचडी करना चाहती है, तो उसके साथ यौन संबंध बनाए. प्रोफेसर ने छात्रा के साथ छेड़छाड़ की और कुछ अश्लील तस्वीरों में छात्रा का चेहरा बदलकर उसे ब्लैकमेल भी किया.
जब विवि ने नहीं सुनी तो हुआ बवाल- छात्रा की शिकायत के बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. मामले की जब परतें खुली तो राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रों ने न्याय दिलाने के लिए जमकर आंदोलन किए. छात्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. तब जाकर आरोपी प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया और सिंघल को बाद में निलंबित किया गया. राजस्थान के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में हुए इस जघन्य मामले ने सभी को हिलाकर रख दिया था. हालांकि, छात्रा से 'गंदी बात' करने वाले आरके सिंघल अभी भी राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रों को पढ़ा रहे हैं. उन पर चल रहा केस कोर्ट में अभी भी लंबित है. यही वजह है कि सिंडीकेट ने कोर्ट का फैसला आने तक उनके निलंबन को बहाल कर दिया था.
RTU की कलंक कथा- ये मामला कोटा आरटीयू कलंक कथा के सामने आने के बाद सुर्खियों में आया. पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, बीटेक फाइनल ईयर की पीड़िता यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहती है और आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार ने यौन संबंध बनाने के बदले में उसे परीक्षा में पास करने की पेशकश उसके क्लासमेट अर्पित अग्रवाल के माध्यम से की. कथित तौर पर जब छात्रा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो प्रोफेसर ने उसे अंतिम वर्ष की परीक्षा में फेल कर दिया और बाद में उस पर अपना प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए बार-बार दबाव डाला. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि प्रोफेसर ने अन्य छात्राओं के साथ भी इसी तरह की हरकत की, उन्हें ब्लैकमेल किया और परेशान किया.
पढ़ें- प्रोफेसर की गंदी करतूत: छात्रा की अस्मत मांगने वाले प्रोफेसर समेत दो गिरफ्तार
शिकायत पर पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर परमार और बिचौलिए सहपाठी को 21 दिसंबर की देर रात गिरफ्तार कर लिया. वहीं, 22 दिसंबर को जब दोनों को अदालत में पेश किया जा रहा था तो एक वकील ने आरोपी प्रोफेसर को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया. बाद में आरोपी को सस्पेंड भी कर दिया गया. शिकायत पर त्वरित एक्शन लेते हुए यूनिवर्सिटी के कुलपति एसके सिंह ने आरोपी शिक्षक और छात्र को निलंबित कर दिया. मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया. जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. रजिस्ट्रार फर्लाद मीणा की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रबंधन पहले ही आरोपी प्रोफेसर को निलंबित कर चुका है.