जयपुर. महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर मंगलवार को आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ राजस्थान विश्वविद्यालय में 'हमारे गौरव' कार्यक्रम के तहत आयोजित व्याख्यानमाला में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने 'महाराणा प्रताप : महान स्वतंत्रता सेनानी और जननायक' विषय पर अपने विचार रखते हुए, छात्रों से संवाद भी किया. साथ ही उनके जीवन से युवाओं को प्रेरणा लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ऐसे व्यक्तित्व थे, जिनके लिए कभी भी, किसी की ओर से अप्रिय बात नहीं कही जा सकती. महाराणा प्रताप से महान कोई नहीं हो सकता.
आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की पहचान में महाराणा प्रताप का बड़ा नाम है. वे अपने स्वाभिमान, अपने हक और अपने देश के लिए लड़े. उनकी पहचान सारी दुनिया में है. प्रदेश में महाराणा प्रताप महान या अकबर महान को लेकर होने वाली चर्चा के सवाल पर कहा कि उदयपुर, हल्दीघाटी, चित्तौड़गढ़ और प्रदेशभर में महाराणा प्रताप के कई स्मारक बने हुए हैं. उनके लिए कहीं भी किसी ने भी वाद नहीं किया, उनके जीवन पर कोई विवाद नहीं होता है. उनका जो महत्व है, उसे शब्दों में भी बताया नहीं जा सकता.
धरने पर बैठे छात्रों को दिया आश्वासन : इससे पहले धर्मेंद्र राठौड़ ने यूनिवर्सिटी परिसर में ही रजिस्ट्रार को हटाने की मांग को लेकर 6 दिन से धरने पर बैठे शोध छात्र संघ रामस्वरूप ओला से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि छात्रों और रजिस्ट्रार के बीच संवाद की कमी और मनमुटाव की वजह से ये धरना चल रहा था. छात्रों को आश्वस्त किया है कि उनकी भावनाओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी, क्योंकि हर समस्या का समाधान संवाद है. छात्रों ने उनके आश्वासन पर भरोसा जताया और धरना समाप्त किया है. आपको बता दें कि शोध छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन के दौरान छात्रों ने प्रोपर व्यवस्था नहीं होने पर रजिस्ट्रार नीलिमा तक्षक से बातचीत करनी चाही थी. आरोप है कि उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग किया था, जिससे खफा शोध छात्र संघ प्रतिनिधि रामस्वरूप ओला नाराज होकर धरने पर बैठे थे.