जयपुर. किराए की बिल्डिंग को अवैध बताकर ध्वस्त करने की कार्रवाई पर जेडीए भले ही अपनी पीठ थपथपा रहा हो, लेकिन इस कार्रवाई को लेकर कई सवाल उठ (RPSC Paper Leak Case) रहे हैं. इन सवालों के बीच जयपुर विकास प्राधिकरण ने अब शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड की संपत्तियों का रुख किया है. जेडीए के प्रवर्तन दस्ते की एक टीम हीरापुरा रजनी विहार कॉलोनी स्थित भूपेंद्र सारण के आवास और दूसरी (JDA issued notice) टीम चित्रकूट स्थित आशापूर्ण एंपायर में बने सुरेंद्र ढाका के फ्लैट पर पहुंची. भूपेंद्र सारण के आवास पर प्रवर्तन शाखा ने तकनीकी टीम के साथ मौका का निरीक्षण कर भवन विनियमन के उल्लंघन को चिन्हित कर विधिक कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किए. साथ ही 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है. हालांकि, सुरेश ढाका का फ्लैट पिता के नाम पर मिला. जो कि ग्रुप हाउसिंग योजना का फ्लैट है, जिसमें कोई अनियमितता नहीं मिली है.
प्रदेश में एक के बाद एक पेपर लीक मामलों के सामने आने से सरकारी एजेंसियों की सख्ती की कलई खुल गई. शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में जेडीए ने सोमवार को मास्टरमाइंड सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण से जुड़े 'अधिगम कोचिंग सेंटर' पर बुलडोजर चला दिया. लेकिन ये पांच मंजिला बिल्डिंग आरोपियों ने कोचिंग क्लास चलाने के लिए अनिल अग्रवाल से किराए पर ली थी. बिल्डिंग दो आवासीय भूखंडों को (72 hours ultimatum to the accused) मिलाकर जीरो सेटबैक पर बनी पाई गई तो जेडीए ने नोटिस दिया था. बिल्डिंग तो ढहा दी गई, लेकिन आरोपियों की जयपुर में ही 5 करोड़ रुपए की संपत्ति जेडीए की नजरों से बची रही. हालांकि, मंगलवार को पेपर लीक के मुख्य अभियुक्तों की संपत्ति नोटिस में आने पर जेडीए की प्रवर्तन शाखा और तकनीकी टीम हीरापुरा के रजनी विहार कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंची.
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वहीं, दूसरी टीम चित्रकूट में आशापूर्ण एंपायर में बने ग्रुप हाउसिंग योजना के फ्लैट पर पहुंची, जिसे सुरेश ढाका ने पिता मांगीलाल के नाम से खरीद रखा था. जेडीए की टीम ने मौके पर विधिक परीक्षण कराया. इधर, इस संबंध में मुख्य प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर सैनी ने बताया कि रजनी विहार कॉलोनी में स्थित आवास भूपेंद्र सारण और उसके भाई गोपाल सारण के नाम पर है. जिसकी 28 फीट चौड़ाई है. इसमें आगे की तरफ से 15 फीट का सेटबैक और पीछे की ओर सवा (Second Grade Teacher Exam Paper Leak) 8 फीट का सेटबैक को कवर कर 4 मंजिले भवन का निर्माण कराया गया है. वहीं आगे और पीछे की तरफ रोड सीमा में बालकनी निकली हुई है. तकनीकी टीम ने इसे चिह्नित कर लिया है. इस आधार पर नोटिस जारी किए गए हैं. ऐसे में अब प्रभावी विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
हालांकि, राज्य सरकार पिछले बजट के दौरान एंटी चीटिंग बिल लेकर आई थी, जो राज्यपाल की अनुमति के बाद कानून बन गया था. इस कानून के तहत नकल करते पकड़े जाने या पेपर माफिया से प्रश्न पत्र खरीदने का दोषी पाए जाने पर अभ्यर्थी पर एक लाख रुपए का जुर्मान और 3 साल की सजा का प्रावधान है. नकल कराने वाले गिरोह के सदस्यों पर 10 लाख से लेकर 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. इसके साथ अपराध साबित होने पर संपत्ति जब्त किए जाने के साथ 5 साल से 10 साल तक की जेल का भी प्रावधान है. लेकिन प्रशासन की ओर से अभी महज अवैध निर्माण पर ही कार्रवाई की जा रही है.