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रोडवेज कर्मी भी नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ करेंगे विरोध प्रदर्शन

नए हिट एंड रन कानून का देश भर में विरोध रहा है. ट्रक चालकों के चक्का जाम से प्रदेश में रोडवेज बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है.

हिट एंड रन कानून का विरोध
हिट एंड रन कानून का विरोध
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 2, 2024, 9:04 PM IST

ट्रक चालकों के चक्का जाम से प्रदेश में रोडवेज बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ

जयपुर. केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून का देश भर में विरोध हो रहा है. प्रदेश में कानून के विरोध में ट्रक चालकों ने चक्का जाम कर रखा है. ट्रक चालकों की हड़ताल से कई जगहों पर जाम के हालात बन गए. इसकी वजह से रोडवेज बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है. दिल्ली, आगरा, अजमेर, कोटा, और भीलवाड़ा रूट पर ट्रकों का जाम लगने से बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है. बसें नहीं चलने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हिट एंड रन कानून के विरोध में रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू के बैनर तले बुधवार को राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

रोडवेज बसों का संचालन प्रभावित : सिंधी कैंप बस स्टैंड के ट्रैफिक मैनेजर हितेश जांगिड़ ने बताया कि नए हिट एंड रन कानून को लेकर प्रदेश में विरोध हो रहा है. ट्रक ऑपरेटरों की ओर से चक्का जाम कर दिया गया है. इसकी वजह से रोडवेज का संचालन भी प्रभावित हुआ है. सड़कों पर ट्रक ऑपरेटरों की ओर से रास्ता जाम करने की वजह से अजमेर, कोटा, सीकर, दिल्ली रूट पर बसों का संचालन काफी प्रभावित हुआ है. कई रूट पर बसों का संचालन कम कर दिया गया है. कई जगह पर रोडवेज बस चालक वैकल्पिक रास्तों से निकल रहे हैं. यात्रियों से अपील की जा रही है कि कुछ समय के लिए अगर जरूरी न हो तो यात्रा न करें.

इसे भी पढ़ें-नए कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों का विरोध तेज, सप्लाई चेन हुआ प्रभावित

रोडवेज यूनियन करेगी विरोध : राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू के अध्यक्ष सतवीर चौधरी ने बताया कि ट्रकों की हड़ताल से राजस्थान रोडवेज की 50 प्रतिशत बसें नहीं चल पा रही हैं. जाम की वजह से यूपी की तरफ जाने वाली बसें भरतपुर से ही वापस लौट रही हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ड्राइवरों पर जो काला कानून बनाया है, इसका हम विरोध कर रहे हैं. हिट एंड रन के नए नियम के अनुसार दुर्घटना होने पर 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान किया गया है. राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू की ओर से इस कानून के खिलाफ बुधवार को सभी डिपो पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

वैकल्पिक रूट से रोडवेज बसों का संचालन : राजस्थान रोडवेज के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने सभी मुख्य प्रबंधकों से हाईवे जाम और प्रदर्शन के कारण बाधित मार्गों का फीडबैक लिया. प्रबंध निदेशक ने बसों के संचालन की लगातार मॉनिटरिंग करके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संचालन को जारी रखने के निर्देश दिए हैं. अजमेर, अलवर, उदयपुर, डूंगरपुर, भरतपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़ बस स्टैंड समेत कुछ जगह जाम के चलते बसों के संचालन में देरी हुई है, लेकिन ड्राइवरों की ओर से किसी तरह की हड़ताल नहीं की गई. यात्रियों को सुखद और सुरक्षित यात्रा के लिए आवश्यकता अनुसार वैकल्पिक रूट के माध्यम से भी बसों का संचालन किया जा रहा है.

कर्मचारी संघ ने किया विरोध प्रदर्शन : हिट एंड रन कानून को लेकर मंगलवार को राजस्थान राज्य वाहन चालक एवं तकनीकी कर्मचारी संघ की ओर से विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजयवीर सिंह के मुताबिक ज्ञापन देकर कानून पर पुनर्विचार और संसोधन करने का आग्रह किया गया है. नए परिवहन कानून को लेकर देश भर के ट्रक, बस, टैक्सी और राजकीय सेवा से जुड़े वाहन चालकों में रोष है. उन्होंने कहा कि चालक जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता, दुर्घटना की स्थिति में मदद भी करना चाहता है, लेकिन भीड़ की ओर से मारपीट के डर से ड्राइवर को भागना पड़ता है. ऐसी स्थिति में कड़े कानून से अल्प वेतन भोगी वाहन चालकों के लिए 10 साल की सजा और भारी जुर्माने से डर का माहौल है.

ट्रक चालकों के चक्का जाम से प्रदेश में रोडवेज बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ

जयपुर. केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून का देश भर में विरोध हो रहा है. प्रदेश में कानून के विरोध में ट्रक चालकों ने चक्का जाम कर रखा है. ट्रक चालकों की हड़ताल से कई जगहों पर जाम के हालात बन गए. इसकी वजह से रोडवेज बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है. दिल्ली, आगरा, अजमेर, कोटा, और भीलवाड़ा रूट पर ट्रकों का जाम लगने से बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है. बसें नहीं चलने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हिट एंड रन कानून के विरोध में रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू के बैनर तले बुधवार को राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

रोडवेज बसों का संचालन प्रभावित : सिंधी कैंप बस स्टैंड के ट्रैफिक मैनेजर हितेश जांगिड़ ने बताया कि नए हिट एंड रन कानून को लेकर प्रदेश में विरोध हो रहा है. ट्रक ऑपरेटरों की ओर से चक्का जाम कर दिया गया है. इसकी वजह से रोडवेज का संचालन भी प्रभावित हुआ है. सड़कों पर ट्रक ऑपरेटरों की ओर से रास्ता जाम करने की वजह से अजमेर, कोटा, सीकर, दिल्ली रूट पर बसों का संचालन काफी प्रभावित हुआ है. कई रूट पर बसों का संचालन कम कर दिया गया है. कई जगह पर रोडवेज बस चालक वैकल्पिक रास्तों से निकल रहे हैं. यात्रियों से अपील की जा रही है कि कुछ समय के लिए अगर जरूरी न हो तो यात्रा न करें.

इसे भी पढ़ें-नए कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों का विरोध तेज, सप्लाई चेन हुआ प्रभावित

रोडवेज यूनियन करेगी विरोध : राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू के अध्यक्ष सतवीर चौधरी ने बताया कि ट्रकों की हड़ताल से राजस्थान रोडवेज की 50 प्रतिशत बसें नहीं चल पा रही हैं. जाम की वजह से यूपी की तरफ जाने वाली बसें भरतपुर से ही वापस लौट रही हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ड्राइवरों पर जो काला कानून बनाया है, इसका हम विरोध कर रहे हैं. हिट एंड रन के नए नियम के अनुसार दुर्घटना होने पर 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान किया गया है. राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू की ओर से इस कानून के खिलाफ बुधवार को सभी डिपो पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

वैकल्पिक रूट से रोडवेज बसों का संचालन : राजस्थान रोडवेज के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने सभी मुख्य प्रबंधकों से हाईवे जाम और प्रदर्शन के कारण बाधित मार्गों का फीडबैक लिया. प्रबंध निदेशक ने बसों के संचालन की लगातार मॉनिटरिंग करके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संचालन को जारी रखने के निर्देश दिए हैं. अजमेर, अलवर, उदयपुर, डूंगरपुर, भरतपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़ बस स्टैंड समेत कुछ जगह जाम के चलते बसों के संचालन में देरी हुई है, लेकिन ड्राइवरों की ओर से किसी तरह की हड़ताल नहीं की गई. यात्रियों को सुखद और सुरक्षित यात्रा के लिए आवश्यकता अनुसार वैकल्पिक रूट के माध्यम से भी बसों का संचालन किया जा रहा है.

कर्मचारी संघ ने किया विरोध प्रदर्शन : हिट एंड रन कानून को लेकर मंगलवार को राजस्थान राज्य वाहन चालक एवं तकनीकी कर्मचारी संघ की ओर से विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजयवीर सिंह के मुताबिक ज्ञापन देकर कानून पर पुनर्विचार और संसोधन करने का आग्रह किया गया है. नए परिवहन कानून को लेकर देश भर के ट्रक, बस, टैक्सी और राजकीय सेवा से जुड़े वाहन चालकों में रोष है. उन्होंने कहा कि चालक जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता, दुर्घटना की स्थिति में मदद भी करना चाहता है, लेकिन भीड़ की ओर से मारपीट के डर से ड्राइवर को भागना पड़ता है. ऐसी स्थिति में कड़े कानून से अल्प वेतन भोगी वाहन चालकों के लिए 10 साल की सजा और भारी जुर्माने से डर का माहौल है.

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