जयपुर. राजधानी जयपुर में रविवार को स्टेच्यू सर्किल पर गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों और माता की शहादत की (Martyrdom of Sahibzadas and Mother of Guru Gobind Singh) याद में रोड शो का आयोजन किया गया. बच्चों ने साहिबजादों की तरह तैयार होकर शहादत को नमन किया और गुरु गोविंद सिंह के परिवार को श्रद्धांजलि दी. बैनर और तख्तियों में नारे लिखकर शहादत को दर्शाया गया. सुखमनी सेवा सोसायटी बनीपार्क की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
सुखमनी सेवा सोसायटी के सदस्य सूर्य उदय सिंह ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह के संदेश 'इन पुतरन के सीस पर वार दिए सुत चार, चार मुए तो क्या भया, जीवित कई हजार' को जन-जन तक पहुंचाया गया. इस दौरान बच्चों ने 'बोले सो निहाल, सत श्री अकाल' के नारे लगाए. गुरु गोविंद सिंह के परिवार की शहादत को श्रद्धांजलि देते हुए अरदास की गई. सभी बच्चों को यह सीख दी गई की गुरु के बताए मार्ग पर चलें. साहिबजादों के समान सत्य और धर्म की राह पर अडिग रहें.
सिक्खों के दसवें गुरु सरबंसदानी गुरु गोविंद सिंह के परिवार की शहादत को आज भी इतिहास की सबसे बड़ी शहादत माना जाता है. नानकशाही कैलेंडर के अनुसार 7 पौष से 14 पौष तक शहीदी सप्ताह मनाया जाता है. इन दिनों में गुरु के बड़े साहबजादे बाबा अजीत सिंह और बाबा झुझार सिंह मुगलों का सामना करते हुए चमकौर के युद्ध में शहीद हो गए थे. साहिबजादों के शहीदी की खबर से दादी माता गुजर कौर ने भी प्राण त्याग दिए. इन 10 दिनों में गुरु गोविंद सिंह ने अपना सारा परिवार धर्म पर कुर्बान कर दिया.
सुखमनी सेवा सोसायटी की सदस्य पिंकी सिंह ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों और माता की शहादत को श्रद्धांजलि देने और जन समूह को संदेश देने के लिए स्टेच्यू सर्किल पर एकत्रित होकर रोड शो निकाला गया. लगभग 40 बच्चे साहिबजादों की तरह तैयार होकर (Children Dressed Up like Sahibzadas in Jaipur) शहादत से संबंधित बैनर और तख्तियां लेकर खड़े हुए. इनमें चित्रों और स्लोगन के माध्यम से शहादत को दर्शाया गया. सोसायटी के सदस्यों ने संगत के साथ मिलकर 50 हजार मूलमंत्र के जाप किए.