जयपुर. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए कहा (Vasundhara Raje on religious journey) जाता है कि वो चुनाव से ठीक एक साल पहले सक्रिय होती हैं और देखते ही देखते जनता और पार्टी दोनों के बदले माहौल को अपने पक्ष में कर लेती हैं. वहीं, अगर बात राजस्थान की चुनावी समर की करें तो अभी सूबे में विधानसभा चुनाव को सालभर का वक्त शेष (Rajasthan Assembly Elections) बचा है. ऐसे में एक बार फिर से राजे की सियासी सक्रियता के कारण उनके प्रतिद्वंद्वियों की चिंता बढ़ गई है. वर्तमान में राजे पूरी तरह से चुनावी मूड में आ गई हैं. नौ देवियों की उपासना के साथ ही सत्ता में वापसी को निकली राजे लगातार जिलों का दौरा कर रही हैं.
हालांकि, राजे शुरू से ही आस्थावान रही हैं. वे देश के बड़े मंदिरों में अक्सर दर्शन पूजन के लिए जाती रही हैं. लेकिन अबकी उनके धार्मिक यात्राओं को सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है. इसकी मुख्य वजह राजे का जनता के बीच शक्ति प्रदर्शन माना रहा है. राजे जहां भी जा रही हैं, वहां भारी संख्या में उनके समर्थकों की भीड़ उमड़ रही है. कभी देव दर्शन यात्रा तो कभी सेंट्रल पार्क वाइकिंग के जरिए राजे जनता से सीधे संपर्क कर रही हैं.
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राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन के लिए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे खासा सक्रिय हो गई हैं. देव दर्शन के लिए धार्मिक यात्राओं के बहाने पूरे प्रदेश का दौरा कर रही हैं. पिछले दिनों राजे बीकानेर पहुंची थीं, जहां करणी माता मंदिर में करीब आधा घंटे तक उन्होंने विशेष पूजा-अर्चना की थी. इसके बाद जनता को संबोधित करते हुए राजे ने कहा था कि चार साल निकल गए, अब सिर्फ सालभर का वक्त शेष बचा है. ऐसे में उनका सियासी संदेश पूरी तरह से स्पष्ट था.
वसुंधरा की सियासी यात्रा के मायने: वसुंधरा राजे देव दर्शन यात्रा के बहाने अपना शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं. हाल ही में बांसवाड़ा, सिरोही, जालोर, पाली, बीकानेर, चूरू, सीकर, जयपुर में धार्मिक स्थानों का दौरा करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने जन जुड़ाव के लिए पब्लिक कार्यक्रमों में भी शिरकत की. रविवार को राजे अचानक सेंट्रल पार्क में वॉक करते नजर आईं. इस दौरान सादगी भरे अंदाज में उन्होंने लोगों से बातचीत की और समर्थकों के साथ सेल्फी खिंचवाई दिखी.
जनता को साधने की तैयारी: राजे देव दर्शन यात्रा के दूसरे चरण में नौ देवी दर्शन के संकल्प को पूरा करने के लिए शाकंभरी माता के दर्शन और पूजा के लिए पहुंची. राजे ने जब बीकानेर के देशनोक में देव दर्शन यात्रा में रैली की तब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पूनिया ने राजे के गढ़ बारां में रोड शो और रैली की. राजे और पूनिया लगातार रोड शो और रैलियां कर रहे हैं, लेकिन दोनों अलग-अलग इलाकों में नजर आते रहे हैं. वहीं, राजे इस कोशिश में हैं कि पिछले तीन चुनाव की तरह ही इस बार भी चुनाव से सालभर पहले पार्टी उन्हें सीएम फेस घोषित करे.
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खैर, ऐसा नहीं है कि वसुंधरा राजे इस तरह की यात्रा पहली बार निकाल रही हों. विधानसभा चुनाव से पहले जनता की नब्ज टटोलने और उनसे आशीर्वाद लेने के लिए राजे यात्राएं करती रही हैं. राजे 2003 में पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं. उससे पहले पूरे प्रदेश में उन्होंने परिवर्तन यात्रा निकाली थी. वहीं, 2013 में मुख्यमंत्री बनीं तब भी चुनाव से पहले सुराज संकल्प यात्रा निकाली थी. इसके बाद 2018 में प्रदेश के सभी संभागों में राजस्थान गौरव यात्रा का आयोजन किया था. ऐसे में अब 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से राजे देव दर्शन यात्रा कर रही हैं.