जयपुर. राजस्थान विधनासभा में राइट टू हेल्थ बिल पर चर्चा के लिए प्रवर समिति की बैठक हुई. इस बैठक में चिकित्सकों का एक दल भी शामिल हुआ. बैठक के बाद चिकित्सकों के दल ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा. उन लोगों ने कहा कि हमारी ओर से जो बिंदु संशोधन को लेकर दिए गए थे उन पर चर्चा नहीं की गई. सरकार से नाराज चिकित्सकों ने कहा कि सभी प्राइवेट अस्पतालों ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, आरजीएचएस योजना समेत कई सरकारी योजनाओं के बहिष्कार करने का फैसला किया है.
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प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. विजय कपूर ने कहा कि हमें बैठक में बुलाया गया, लेकिन हमारी बातें रखने का मौका नहीं दिया गया. सभी चिकित्सक सरकार के इस रवैए से नाराज हैं. जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. अनुराग शर्मा ने कहा, राइट टू हेल्थ जनता का अधिकार है, लेकिन सरकार की ओर से चिकित्सकों के अधिकारों का हनन करके इस बिल को लागू किया जा रहा है. हम नहीं चाहते कि ये बिल प्रदेश में लागू हो.
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अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने कहा कि इस बिल में काफी खामियां हैं. इस वजह से सरकारी अस्पताल से जुड़े चिकित्सकों ने भी 2 घंटे की पेन डाउन हड़ताल की. उन्होंने कहा, चिकित्सकों की इस लड़ाई में हम सब एकजुट होकर सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे.
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फार्मासिस्ट एसोसिएशन भी अब चिकित्सकों के समर्थन में आ गई है. सर्वेश्वर शर्मा ने कहा कि इस लड़ाई में हम भी चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. बता दें कि सरकार की तरफ से आयोजित प्रवर समिति की बैठक से पहले चिकित्सक संगठनों ने हड़ताल का ऐलान किया था. इस वजह से राज्यभर के प्राइवेट अस्पताल पूरी तरह से बंद हैं.