जयपुर. राजस्थान में एक तरफ आज विधानसभा में राइट टू हेल्थ विधेयक पर चर्चा होनी है और संभव है कि प्रवर समिति से प्राप्त संशोधनों के अनुसार आज इस बिल का पास होना लगभग तय है. दूसरी ओर राजस्थान के डॉक्टरों ने इस बिल के विरोध में बीते 3 दिन से जयपुर में डेरा डाल रखा है और स्टेच्यू सर्किल पर सोमवार को पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया, जिसे लेकर आज एक बार फिर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार पर सवाल भी खड़े किए और डॉक्टरों पर लाठीचार्ज के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग रखी.
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि डेढ़ दर्जन डॉक्टर पुलिस के लाठी चार्ज में घायल हुए, जिसमें 5 महिला डॉक्टर भी शामिल हैं. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के सारे मेडिकल कॉलेज ठप्प पड़े हैं, सारे निजी चिकित्सालय ठप्प पड़े हैं सारी सीएचसी-पीएचसी बंद पड़ी है ओर प्रदेश में 22 हजार आईसीयू के बेड में से 16500 आईसीयू में भर्ती लोगों का जीवन हार रहा है ओर मृत्यु जीत रही है.
राठौड़ ने कहा कि डॉ. सोमवार को शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा में अपनी बात रखने आ रहे थे ओर पहली बार देख रहा हूं कि सबसे प्रभुत्व रखने वाले डॉक्टर पर बर्बर लाठीचार्ज हुई. सरकार राइट टू हेल्थ को लेकर जबरन बात करना चाहती हैं इसे लेकर सरकार को सचेत रहना चाहिए. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हजारों की तादाद में डॉक्टर इकट्ठे हैं और आज भी सरकार उनसे बात करना नहीं चाहती, उन पर काला कानून थोपना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस पर संज्ञान ले लाठीचार्ज की न्यायिक जांच हो जिन्होंने कोरोना के समय जिंदगी को दांव पर लगाया उनको पीटा जाना निंदनीय है. इसके बाद सदन में बीजेपी के सभी विधायक नारेबाजी करने लगे और डॉक्टरों पर लाठीचार्ज के विरोध में वॉकआउट किया.