जयपुर. जमीन पर निर्माण रोकने से परेशान होकर अप्रार्थी के पुत्र रामप्रसाद ने गत दिनों सुसाइड कर लिया था. इस मामले में किराया अधिकरण, महानगर द्वितीय ने मंदिर श्री गिरधारी जी से जुड़ी जमीन का कब्जा लेकर डिक्रीदार को दिए जाने के निर्देश सेल अमीन को दिए हैं. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि यदि परिसर में ताला लगा हो तो उसे तोड़कर कब्जा लिया जाए. यदि इस दौरान सामान मिले तो उसे अप्रार्थी रामकिशोर को सौंपा जाए.
अदालत ने आदेश में ये भी कहा कि यदि अप्रार्थी मौजूद न हो तो सामान की सूची बनाकर डिक्रीदार को सुपुर्द की जाए. अधिकरण ने यह भी कहा है कि यदि मौके पर कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति हो तो संबंधित थानाधिकारी से संपर्क कर पुलिस सुरक्षा ली जाए. अदालत ने यह आदेश मंदिर श्री गिरधारी की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर दिए.
प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रकरण में किराया अधिकरण ने 13 अक्टूबर, 2008 को अंतिम आदेश पारित किया था. इसके बाद अप्रार्थी ने हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त, 2017 को आदेश जारी कर 30 जून 2018 तक परिसर खाली करने का समय दिया था. अप्रार्थी ने किराया अधिकरण के समक्ष इजराय की कार्रवाई में परिसर खाली करने को लेकर अपनी अंडरटेकिंग भी दी थी, लेकिन अभी तक परिसर का कब्जा प्रार्थी को सुपुर्द नहीं किया गया है.
बता दें कि रामकिशोर के परिजनों ने वर्ष 2017 में स्टेट ग्रांड का पट्टा भी जारी करवा लिया था. साथ ही गत मार्च माह में रामकिशोर के पुत्र रामप्रसाद ने इस जमीन पर निर्माण शुरू किया था, लेकिन निगम ने उसे रुकवा दिया. वहीं, परेशान होकर रामप्रसाद ने 17 अप्रैल को सुसाइड कर लिया था.