जयपुर. राजस्थान में अवैध खनन भाजपा का चुनावी मुद्दा रहा है. भाजपा की सरकार बनने के बाद अवैध खनन पर एक्शन शुरू हो गया है. गुरुवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अवैध खनन पर उच्च स्तरीय बैठक ली और अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने पुलिस, प्रशासन और विभागीय अधिकारियों से अवैध खनन के संबंध में जानकारी भी ली. उन्होंने कहा कि भविष्य में अवैध खनन की रोकथाम सुनिश्चित कराने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स गठित कर नियमित बैठक आयोजित की जाएगी.
5 दिन चलेगा अभियान : सीएम ने कहा कि अवैध खनन, विशेषकर बजरी खनन की रोकथाम राज्य सरकार की प्राथमिकता है. सख्त एवं प्रभावी कार्रवाई से ही प्रदेश में हो रहे अवैध खनन पर लगाम लगेगी. उन्होंने पुलिस, जिला प्रशासन, वन विभाग, परिवहन विभाग और खान विभाग की ओर से 5 दिवसीय संयुक्त अभियान चलाकर खनन माफिया के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जब सख्ती से कानून की पालना सुनिश्चित होगी, तभी अवैध खनन करने वालों में भय पैदा होगा. संयुक्त अभियान के लिए कलेक्टर स्तर पर संयुक्त टास्क फोर्स गठित कर अवैध खनन पर नकेल कसने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीक की मदद ली जाए.
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अवैध खनन पर लगेगा अंकुश : मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रदेशभर में खनन कार्य नियमों के अनुरूप ही हों, ताकि अवैध खनन पर अंकुश लगे और वैध खनन को बढ़ावा मिले. उन्होंने नियमित रूप से खनन पट्टों की नीलामी के भी निर्देश दिए. उन्होंने खान विभाग के अधिकारियों को अवैध खनन के संबंध में नियमित रिपोर्ट प्रेषित करने और इस संबंध में पिछले 10 दिनों में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. साथ ही, उन्होंने जिला कलेक्टर्स को आमजन के लिए जिला स्तरीय हेल्पलाइन नम्बर जारी करने के निर्देश दिए. बैठक में अधिकारियों ने खान विभाग द्वारा प्रदेश में खनन गतिविधियों के माध्यम से राजस्व अर्जन, रोजगार सृजन तथा अन्य पहलुओं पर प्रस्तुतिकरण दिया.
ये अधिकारी रहे मौजूद : बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत, पुलिस महानिदेशक यू.आर. साहू, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनन्द कुमार, सचिव खान विभाग आनन्दी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे, साथ ही संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस आयुक्त, मुख्य वन संरक्षक, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, खनिज अभियंता, आरटीओ सहित अन्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में जुड़े.