जयपुर. प्रदेश भर के सैकड़ों राशन डीलर गुरुवार को शहीद स्मारक पर जुटे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. राशन डीलर मानदेय सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. विधानसभा कूच के दौरान इन्हें पुलिस ने बेरिकेट्स लगाकर रोक दिया. यहां उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की भी देखने को मिली. सरकार से इनकी वार्ता भी नहीं हो पाई.
राशन डीलर 30000 रुपए का मानदेय देने सहित कई मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. राशन डीलरों ने कुछ दिनों पहले पूरे प्रदेश में जिला कलेक्टरों के माध्यम से सरकार को 16 मार्च को विधानसभा घेराव करने की चेतावनी भी दी थी. इसी के मद्देनजर राशन डीलर शहीद स्मारक पहुंचे थे. इन राशन डीलरों ने विधानसभा कूच करने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने शहीद स्मारक के बाहर ही बेरिकेट्स लगाकर इन्हें रोक दिया. इस दौरान राशन डीलर और पुलिस आमने-सामने हो गई और इनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई.
राशन डीलर समन्वय समिति के प्रदेश संयोजक डिंपल कुमार शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही के बजट में राशन डीलरों को कुछ नहीं दिया गया. इसी तरह से केंद्र ने भी अपने बजट में राशन डीलरों को खाली हाथ रखा. उन्होंने बताया कि राशन डीलरों ने कोविड-19 के संकट के समय बिना अपनी जान की परवाह किये जनता को गेहूं का वितरण किया. राशन डीलर 30000 रुपए प्रति माह मानदेय देने, 1 प्रतिशत छीजत देने और 60 वर्ष की उम्र की बाध्यता समाप्त करने सहित कई मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं.
शर्मा ने कहा कि मांगों की सुनवाई नहीं होने और बजट में खाली हाथ रखने से प्रदेश के 27000 राशन डीलरों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. जनवरी में राशन डीलरों ने 4 दिन तक राशन की दुकानें बंद कर अपने आंदोलन का आगाज भी किया. दिसंबर महीने में प्रदेश के राशन डीलरों ने विद्याधर नगर स्टेडियम में महापड़ाव भी डाला था. इसमें खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी शिरकत की थी और राशन डीलरों की मांगे मानने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन मांगों पर आगे की कार्यवाही नहीं होने से हजारों राशन डीलर आक्रोशित हैं.
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शर्मा ने कहा कि अल्प कमीशन पर ही राशन डीलर लंबे समय से काम कर रहे हैं. इसमें हमारे परिवार का गुजारा नहीं हो पा रहा. उन्होंने कहा कि 7 सदस्य प्रतिनिधिमंडल भी बिना वार्ता के ही वापस लौटा दिया गया. शर्मा ने कहा कि हमारे प्रतिनिधि मंडल को पहले सीएमओ ले जाने की बात कही, लेकिन उन्हें सचिवालय में रिसेप्शन पर ले जाकर बैठा दिया और बिना वार्ता के ही हम लोग वापस लौट आए. व्यस्त होने के कारण मुख्य सचिव ने भी वार्ता नहीं की. राशन डीलर समन्वय समिति ने निर्णय किया है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तब तक शहीद स्मारक पर उनका अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.
राशन डीलर्स की मुख्य मांगें-
- 30000 रुपए मानदेय देने की मांग
- राशन डीलरों को एक प्रतिशत छीजत दी जाए
- प्राधिकार-पत्र की शर्तों में संशोधन की मांग
- 170 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन के साथ 5000 रुपए फिक्सेशन प्रति उचित मूल्य दुकानदार को पश्चिम बंगाल मॉडल की तर्ज पर दिए जाएं
- 55 वर्ष से अधिक उम्र के राशन डीलरों को स्वेच्छा से लाइसेंस ट्रांसफर करने की छूट दी जाए या उचित मूल्य दुकानदार की पीडीएस एक्ट 2015 के अनुसार 60 वर्ष उम्र की बाध्यता को समाप्त किया जाए.