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Seva Sangam 2023: आत्मनिर्भर भारत व समाज के संकल्प के साथ संपन्न हुआ संघ का सेवा संगम - तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम

जयपुर के केशव विद्यापीठ में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम का रविवार को समापन हुआ. संगम के आखिरी दिन संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के साथ ही राष्ट्रीय सेवा भारती की उपाध्यक्ष अमिता जैन ने विशेष सत्र को संबोधित (Three day Seva Sangam concluded) किया.

Seva Sangam 2023
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Published : Apr 9, 2023, 7:02 PM IST

संघ का सेवा संगम संपन्न

जयपुर. राजधानी के केशव विद्यापीठ में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम का रविवार को आत्मनिर्भर भारत व समाज के संकल्प के साथ समापन हुआ. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संगम में शामिल हुए प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन किया. साथ ही उन्हें स्वावलंबी व समृद्ध भारत के ध्येय वाक्यों के असल मायनों से अवगत कराया. असल में देश के 45 प्रांतों में वंचित, पीड़ित, शोषित वर्ग के शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक मजबूती के लिए कार्य करने वाले 2756 प्रतिनिधियों के लिए जयपुर में सेवा संगम का आयोजन किया गया. जिसमें प्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्र में कार्य को और बेहतर तरीके से करने के टिप्स दिए गए.

साथ ही अपील की गई कि वो वंचितों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में पूरी सक्रियता से काम करें, ताकि वो भी आर्थिक रूप से मजबूत बन सके. सेवा संगम के तीसरे और आखिरी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि सेवा संगम में साझा की गई सफलता की अद्भुत कहानियों का विश्व भर में प्रचार होना चाहिए. ये कहानियां लोगों को प्रेरित करने का काम करेंगी.

25 साल से सेवा कर रहे स्वयंसेवकः सेवा संगम में मौजूद रही राष्ट्रीय सेवा भारती की उपाध्यक्ष अमिता जैन ने कहा कि सेवा संगम में सफलता की अद्भुत कहानियों ने प्रतिनिधियों के मस्तिष्क में प्रेरणा पुंज का कार्य किया है. राष्ट्रीय सेवा भारती के प्रतिनिधि और स्वयंसेवक बीते 25 सालों से छोटे-छोटे गांव में जाकर स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका सुविधाओं से वंचित, पीड़ित, उपेक्षित और अभावग्रस्त लोगों के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नारायण सेवा की थीम पर हुए इस सेवा संगम में सामंजस्यपूर्ण और सक्षम भारत बनाने के लिए मंच तैयार हुआ है. सभी ने समृद्ध भारत के निर्माण के लिए आत्मनिर्भर समाज बनाने का संकल्प लिया. सेवा संगम में सामाजिक परिवर्तन के विचारों को आशा की किरणें मिली. इसी से आने वाले दिनों में समृद्ध भारत का संकल्प साकार होगा. इसी से ऐसा देश बनेगा, जहां हर वर्ग, समाज के लोग सिर उठाकर गर्व से जी सकेंगे.

इसे भी पढ़ें - जब शरीर में सुई चुभती है तो सारे अंग का ध्यान उसी पर जाता है, समाज में भी ऐसा होना चाहिए : मोहन भागवत

सेवा भारती पूरे उत्साह से सभी क्षेत्रों में एक दृढ़ सामाजिक उत्थान की सुविधा के लिए समर्पित है. संगठन महिलाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है. सभी के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना लक्ष्य है. सेवा संगम में वक्ताओं ने संगठन की उपलब्धियों, इसकी दृष्टि, भविष्य की पहल पर भी प्रकाश डाला. केस स्टडी, शोध कार्य, किताबें और अन्य प्रकाशन कार्य भी प्रस्तुत किए गए. सेवा संगम में बालिकाओं की प्रगति के लिए 50 से ज्यादा कहानियों का प्रदर्शन किया गया.

स्वयंसेवकों ने लगाए स्टॉलः दशकों से सामाजिक उत्थान के लिए कार्य कर रहे स्वयंसेवकों ने भी यहां स्टाल भी लगाए. सेवा संगम में स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता और सामाजिक कार्यों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया और सफलता की कहानियों से सबको प्रेरित किया. इससे परस्पर सहयोग की भावना भी प्रबल हुई. प्रतिनिधियों ने संकल्प लिया कि वो समाज उत्थान के कार्यों में एक दूसरे का संबल बनेंगे ताकि पूरे भारत के जनमानस को सामंजस्य और सफलता का बड़ा संदेश दिया जा सके.

अखिल भारतीय स्वावलंबन आयाम के प्रमुख विनोद बिड़ला ने बताया कि विभिन्न संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारी भी इस सेवा संगम में शामिल हुए. इसमें मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और लहान सहित 45 प्रांतों से कुल 2756 प्रतिनिधि शामिल हुए. जिनमें 515 महिलाएं उपस्थित रहीं. सेवा संगम की व्यवस्था में 820 प्रबंधक रहे, जिनमें 95 महिलाएं थीं. 6 नगरों में बसा सेवा संगम अगले पांच साल बाद दोबारा आयोजित होने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ. उन्होंने बताया कि सेवा संगम में एक-दूसरे को समझकर अपने यहां चलने वाले कार्यों और किस तरह बेहतर विकास कर सकते हैं, इस दिशा में विचार- विमर्श और मंथन हुआ. सेवा संगम से जो सीख करके जा रहे हैं, उसके आधार पर वहां नए-नए प्रकल्प की रचना करेंगे.

बता दें कि 6 अप्रैल को जयपुर के जामडोली में सेवा संगम परिसर में प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ था. इसके बाद 7 अप्रैल को सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के प्रेरक संबोधन से इसकी औपचारिक शुरुआत हुई. वहीं, 8 अप्रैल को सरसंघचालक प्रतिनिधियों से मिले. राष्ट्रीय सेवा संगम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, पीरामल ग्रुप के अध्यक्ष अजय पीरामल, राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, उद्योगपति नरसीराम कुलरिया, संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश भैयाजी जोशी, संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद सी आर, विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानन्द, विश्व जागृति मिशन संस्थापक आचार्य सुधांशु जी महाराज, राजसमंद की सांसद दीया कुमारी, उद्योगपति अशोक बागला समेत अन्य ने संबोधित किया.

संघ का सेवा संगम संपन्न

जयपुर. राजधानी के केशव विद्यापीठ में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम का रविवार को आत्मनिर्भर भारत व समाज के संकल्प के साथ समापन हुआ. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संगम में शामिल हुए प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन किया. साथ ही उन्हें स्वावलंबी व समृद्ध भारत के ध्येय वाक्यों के असल मायनों से अवगत कराया. असल में देश के 45 प्रांतों में वंचित, पीड़ित, शोषित वर्ग के शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक मजबूती के लिए कार्य करने वाले 2756 प्रतिनिधियों के लिए जयपुर में सेवा संगम का आयोजन किया गया. जिसमें प्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्र में कार्य को और बेहतर तरीके से करने के टिप्स दिए गए.

साथ ही अपील की गई कि वो वंचितों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में पूरी सक्रियता से काम करें, ताकि वो भी आर्थिक रूप से मजबूत बन सके. सेवा संगम के तीसरे और आखिरी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि सेवा संगम में साझा की गई सफलता की अद्भुत कहानियों का विश्व भर में प्रचार होना चाहिए. ये कहानियां लोगों को प्रेरित करने का काम करेंगी.

25 साल से सेवा कर रहे स्वयंसेवकः सेवा संगम में मौजूद रही राष्ट्रीय सेवा भारती की उपाध्यक्ष अमिता जैन ने कहा कि सेवा संगम में सफलता की अद्भुत कहानियों ने प्रतिनिधियों के मस्तिष्क में प्रेरणा पुंज का कार्य किया है. राष्ट्रीय सेवा भारती के प्रतिनिधि और स्वयंसेवक बीते 25 सालों से छोटे-छोटे गांव में जाकर स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका सुविधाओं से वंचित, पीड़ित, उपेक्षित और अभावग्रस्त लोगों के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नारायण सेवा की थीम पर हुए इस सेवा संगम में सामंजस्यपूर्ण और सक्षम भारत बनाने के लिए मंच तैयार हुआ है. सभी ने समृद्ध भारत के निर्माण के लिए आत्मनिर्भर समाज बनाने का संकल्प लिया. सेवा संगम में सामाजिक परिवर्तन के विचारों को आशा की किरणें मिली. इसी से आने वाले दिनों में समृद्ध भारत का संकल्प साकार होगा. इसी से ऐसा देश बनेगा, जहां हर वर्ग, समाज के लोग सिर उठाकर गर्व से जी सकेंगे.

इसे भी पढ़ें - जब शरीर में सुई चुभती है तो सारे अंग का ध्यान उसी पर जाता है, समाज में भी ऐसा होना चाहिए : मोहन भागवत

सेवा भारती पूरे उत्साह से सभी क्षेत्रों में एक दृढ़ सामाजिक उत्थान की सुविधा के लिए समर्पित है. संगठन महिलाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है. सभी के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना लक्ष्य है. सेवा संगम में वक्ताओं ने संगठन की उपलब्धियों, इसकी दृष्टि, भविष्य की पहल पर भी प्रकाश डाला. केस स्टडी, शोध कार्य, किताबें और अन्य प्रकाशन कार्य भी प्रस्तुत किए गए. सेवा संगम में बालिकाओं की प्रगति के लिए 50 से ज्यादा कहानियों का प्रदर्शन किया गया.

स्वयंसेवकों ने लगाए स्टॉलः दशकों से सामाजिक उत्थान के लिए कार्य कर रहे स्वयंसेवकों ने भी यहां स्टाल भी लगाए. सेवा संगम में स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता और सामाजिक कार्यों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया और सफलता की कहानियों से सबको प्रेरित किया. इससे परस्पर सहयोग की भावना भी प्रबल हुई. प्रतिनिधियों ने संकल्प लिया कि वो समाज उत्थान के कार्यों में एक दूसरे का संबल बनेंगे ताकि पूरे भारत के जनमानस को सामंजस्य और सफलता का बड़ा संदेश दिया जा सके.

अखिल भारतीय स्वावलंबन आयाम के प्रमुख विनोद बिड़ला ने बताया कि विभिन्न संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारी भी इस सेवा संगम में शामिल हुए. इसमें मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और लहान सहित 45 प्रांतों से कुल 2756 प्रतिनिधि शामिल हुए. जिनमें 515 महिलाएं उपस्थित रहीं. सेवा संगम की व्यवस्था में 820 प्रबंधक रहे, जिनमें 95 महिलाएं थीं. 6 नगरों में बसा सेवा संगम अगले पांच साल बाद दोबारा आयोजित होने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ. उन्होंने बताया कि सेवा संगम में एक-दूसरे को समझकर अपने यहां चलने वाले कार्यों और किस तरह बेहतर विकास कर सकते हैं, इस दिशा में विचार- विमर्श और मंथन हुआ. सेवा संगम से जो सीख करके जा रहे हैं, उसके आधार पर वहां नए-नए प्रकल्प की रचना करेंगे.

बता दें कि 6 अप्रैल को जयपुर के जामडोली में सेवा संगम परिसर में प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ था. इसके बाद 7 अप्रैल को सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के प्रेरक संबोधन से इसकी औपचारिक शुरुआत हुई. वहीं, 8 अप्रैल को सरसंघचालक प्रतिनिधियों से मिले. राष्ट्रीय सेवा संगम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, पीरामल ग्रुप के अध्यक्ष अजय पीरामल, राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, उद्योगपति नरसीराम कुलरिया, संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश भैयाजी जोशी, संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद सी आर, विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानन्द, विश्व जागृति मिशन संस्थापक आचार्य सुधांशु जी महाराज, राजसमंद की सांसद दीया कुमारी, उद्योगपति अशोक बागला समेत अन्य ने संबोधित किया.

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