जयपुर. रामप्रसाद मीणा के मकान के पास बन रहे 4 मंजिला हेरिटेज होटल को नगर निगम के दस्ते ने रातोरात ध्वस्त कर दिया है. मंगलवार दोपहर को होटल पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई थी. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा मृतक रामप्रसाद के परिजनों के साथ मंगलवार दोपहर बाद से ही धरने पर बैठे हुए हैं. रात भर मशीनें होटल में तोड़फोड़ कर रही थीं. बुधवार अल सुबह तक होटल को पूरी तरह से धराशाई कर दिया गया.
सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ परिजन बैठे थे धरने परः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने मंगलवार दोपहर बाद से होटल पर कार्रवाई करना शुरू की थी. करीब 650 वर्ग गज में हेरिटेज होटल का निर्माण किया जा रहा था. मृतक परिजनों के साथ राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने होटल को पूरी ध्वस्त करने की मांग की थी. किरोड़ी लाल मीणा समेत मृतक के परिजन और भाजपा कार्यकर्ता पूरी रात धरना स्थल पर डटे रहे. 4 मंजिला होटल को बुधवार सुबह तक जमींदोज कर दिया गया. वहीं होटल पर की गई कार्रवाई को मंदिर प्रबंधन ने गलत बताया है.
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सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांगः राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के मुताबिक प्रताड़ित होकर सोमवार को रामप्रसाद मीणा ने अपनी जान दे दी थी. परिजनों का मांग पत्र मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है. एफआईआर में नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए. पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. भरतपुर में जुनैद और नासिर के परिवार की तर्ज पर रामप्रसाद के परिवार को भी मुआवजा राशि दी जाए. श्री गिरधारी मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कर के मूल स्वरूप में लाया जाए. दोषी पुलिसकर्मियों और नगर निगम कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. सरकारी योजना के तहत पीड़ित परिवार का मकान बनवाया जाए. रामप्रसाद के बच्चों की शिक्षा के लिए प्रबंध किया जाए.
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रामप्रसाद की जमीन को हड़पना चाहते थेः मृतक रामप्रसाद के परिजनों के मुताबिक हमारी मकान के पास ही मंदिर की सरकारी 650 वर्ग गज जमीन है. इसी जमीन पर चार मंजिला होटल का निर्माण कर लिया गया. हेरिटेज और लग्जरी होटल बनाया जा रहा था, लेकिन हमारा छोटा सा मकान नहीं बनने दिया गया. रातो-रात नगर निगम के गार्ड तैनात कर दिए गए. होटल बनाने वाले लोग रामप्रसाद की जमीन को भी हड़पना चाहते थे, ताकि उस जगह पर होटल की पार्किंग बना सकें. बेशकीमती जमीन को हड़पने के लिए काफी प्रताड़ित किया. रामप्रसाद मीणा काे मकान भी नहीं बनाने दे रहे थे.
रामप्रसाद मीणा ने कर ली थी आत्महत्याः अवकाश के दिन रामप्रसाद मीणा ने मकान की छत डालने के लिए सेंटिंग वालों को बुलाया था और बजरी रोड़ी समेत सभी मटेरियल भी मंगवाया, लेकिन रात को ही नगर निगम की विजिलेंस टीम पहुंच गई और काम नहीं करने दिया गया. वहीं दूसरी तरफ चार मंजिला होटल का काम आराम से चल रहा था. इसी से परेशान होकर रामप्रसाद मीणा ने सुसाइड कर लिया. रामप्रसाद मीणा के पिता रामकिशोर मीणा ने बताया कि काले हनुमान जी मंदिर के पास उनकी चाय की दुकान है. कांग्रेस नेताओं ने बहुत ज्यादा प्रताड़ित किया. जिसकी वजह से रामप्रसाद मीणा ने सुसाइड कर लिया. रामप्रसाद की दो बेटियां और एक बेटा है. घर चलाने वाला भी कोई नहीं रहा, परिवार का सहारा छिन गया.
मुख्यमंत्री के दखल के बाद हुई होटल पर कार्रवाईः जिस होटल के निर्माण को नगर निगम अवैध नहीं मान रहा था उस होटल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दखल के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया. नगर निगम के अधिकारी पूरा दस्ता लेकर होटल पर कार्रवाई करने के लिए पहुंचे थे और रातोरात होटल को जमींदोज कर दिया गया.