जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा और कांग्रेस में टिकट वितरण से लेकर चुनाव जीतने की कवायद चल रही है. दोनों पार्टियों में मुख्यमंत्री कौन होगा? इसे लेकर अभी कांग्रेस और भाजपा आलाकमान ने साफ नहीं किया है. इस बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष और एग्रो बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी का कहना है कि पिछले 70 साल से कांग्रेस से बंधे सबसे बड़े किसान वर्ग जाट समाज का मुख्यमंत्री पद पर हक और अधिकार है. यह उसे मिलना चाहिए.
हालांकि गहलोत के नेतृत्व में अगर पार्टी सरकार रिपीट करती है, तो यह सोचना बेमानी होगा कि गहलोत के अलावा कोई और मुख्यमंत्री बन सकता है, लेकिन लंबे समय से राजस्थान के सबसे बड़े किसान वर्ग, जाट समाज की ओर से अब भी यह उम्मीद लगाई जा रही है कि 2023 में अगर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनती है, तो 70 साल से जो जाट समाज कांग्रेस के साथ बंधा हुआ है, उसे उसका हक और अधिकार मुख्यमंत्री पद के रूप में मिलेगा.
डूडी ने कहा कि जाट समाज सबसे बड़ा वर्ग है और पिछले 70 साल से मुख्यमंत्री पद उनका हक और अधिकार है. उन्होंने कहा कि इस मामले में हमने पार्टी से भी कहा है और आलाकमान से भी बात की है कि जाट समाज को उनका हक और अधिकार देना चाहिए. रामेश्वर डूडी ने कहा कि इस मामले में उन्होंने पार्टी आलाकमान से बात की है और 2023 में जाट मुख्यमंत्री से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जाट कौम का यह हक और अधिकार है, जो उसे मिलेगा.
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किसान को सशक्त बनाया जाए: राजस्थान एग्रो बोर्ड कि शुक्रवार को कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसे लेकर रामेश्वर डूडी ने कहा कि जब तक हमारा किसान सशक्त और मजबूत नहीं होगा, तब तक हमारा प्रदेश विकास की ऊंचाइयों पर नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का फोकस भी इसी बात पर है कि किसान को सशक्त बनाया जाए.
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किसानों को 2019 के बाद बनी पॉलिसी का मिला फायदाः डूडी ने कहा कि 2019 में इसी सोच के साथ सरकार ने पॉलिसी बनाई ताकि किसान की खेती के साथ ही उस खेती की जमीन पर वह छोटी-मोटी इंडस्ट्रीज लगाकर अपनी आय बढ़ा सके. उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से अब तक किसानों के लिए लाई गई पॉलिसी का असर रहा कि किसानों ने प्रदेश में करीब 350 से 400 करोड़ रुपए की अलग-अलग प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी हमारा बोर्ड जो भी संशोधन किसानों को लेकर सरकार को देगा उन्हें सरकार पहले भी मानती आई है. आगे भी पूरा करेगी.