जयपुर. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक रामनारायण मीणा ने अपनी पार्टी के मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. मीणा के इस बयान के बाद अब बीजेपी कांग्रेस पर पूरी तरीके से हमलावर हो गई है. पिछले दिनों पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर से पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के खिलाफ दिए गए धरने पर भी अब बीजेपी ने सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि सचिन पायलट जो मुद्दा उठा रहे थे, उस मुद्दे की हवा तो अब कांग्रेस के नेता और विधायक रामनारायण मीणा ने निकाल दी है. कांग्रेस के नेताओं को दूसरी पार्टी पर आरोप लगाने से पहले अपनी पार्टी में और भ्रष्टाचार को देख लेना चाहिए. कभी इस तरह का धरना पानी ही पार्टी में हुए भ्रष्टाचार पर भी दे देते.
लूटने का हो रहा काम : रामलाल शर्मा ने कहा कि सचिन पायलट के जिस मुद्दे उठाए जा रहे थे, उन मुद्दों की हवा तो कांग्रेस के नेता रामनारायण मीणा ने ही निकाल दी. रामनारायण मीणा ने कहा कि आखिरकार मुख्यमंत्री जी की क्या मजबूरी है कि वो भ्रष्ट मंत्रियों को क्यों नहीं हटाते. इसका सीधा सीधा अर्थ यह हुआ कि राजस्थान सरकार के सारे नुमाइंदे भ्रष्टाचार के आखंड में डूबे हुए हैं और आवश्यकता इस बात की है कि क्या सरकार रामनारायण मीणा की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देने और कार्रवाई करने का साहस उठाएगी या सिर्फ प्रदेश की प्राकृतिक संपदाओं को लूटने का काम करेंगे. चाहे वो कांग्रेस के विधायक हों या फिर कांग्रेस के मंत्री हों या फिर कांग्रेस के कार्यकर्ता हों, ये सब प्राकृतिक संपदाओं को लूटने का काम कर रहे हैं ना कि जनता का भला करने का काम कर रहे हैं.
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कांग्रेस जिला अध्यक्ष और सीएमओ अधिकारियों की होनी चाहिए जांच : रामलाल शर्मा ने पेपर लीक मामले में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी होने पर कहा कि जहां एक ओर मुख्यमंत्री कहते हैं कि हर गलती कीमत मांगती है और हम भी यही कह रहे हैं. जिसने गलती की है उसको सजा मिलनी चाहिए. आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा एक ऐसा शख्स है, जिसने सांख्यिकी अधिकारी के रूप में काम किया, बाद में उसने उसी बेल्ट के अंदर विकास अधिकारी के रूप में भी कार्य किया. आज भी जनता के बाद उसके विकास अधिकारी के कार्यकाल को याद करती है और जनता उसे अच्छे कामों के लिए नहीं, बल्कि उनके भ्रष्टाचार के कामों के लिए याद कर रही है.
इसी बाबूलाल कटारा का संबंध है, कांग्रेस के एक जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार से और दिनेश कुमार का संबंध प्रदेश के मुखिया से है. आवश्यकता इस बात की है कि सिर्फ जांच बाबूलाल कटारा की नहीं, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष की भी होनी चाहिए और जांच मुख्यमंत्री कार्यालय के उन अधिकारियों की भी होनी चाहिए, जिनके लगातार संपर्क के अंदर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार रहे. राजस्थान की पुलिस या एसओजी उस तह तक नहीं पहुंच सकती, जिसकी जांच की आवश्यकता सीएमओ की होती है. भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से करवानी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.