जयपुर. प्रदेश में मानसून की मेहरबानी के बीच बरसात का दौर बरकरार है. राजधानी जयपुर में दिनभर बादलों के बीच रिमझिम का दौर जारी रहा. मौसम विभाग का कहना है कि बारिश का यह दौर आगे भी बना रहेगा. 1 अगस्त और 2 अगस्त को विभाग ने जयपुर और भरतपुर संभाग के लिए अलर्ट भी जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक जयपुर, झुंझुनूं, सीकर, जोधपुर, नागौर, पाली, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, टोंक, सवाईमाधोपुर, बूंदी, कोटा और झालावाड़ जिलों में कुछ जगहों पर मेघगर्जन के साथ हल्की बारिश की संभावना है.
1 अगस्त से अच्छी बारिश : प्रदेश में हो रही बारिश के बीच मौसम विभाग के अनुसार 1 अगस्त से फिर से तेज बरसात होगी. पिछले दिनों झुंझुनूं, करौली, जयपुर, दौसा, अलवर और हनुमानगढ़ में जमकर बारिश के बाद शनिवार को राजधानी जयपुर में भी तेज बारिश हुई थी. इससे जोबनेर और कालवाड़ क्षेत्र में कई सालों से सूखी पड़ी बांड़ी नदी में पानी आ गया. इस नदी का पानी कालख बांध तक पहुंचता है. कानोता बांध पर चादर चलने लगी, लेकिन रामगढ़ बांध का किला अभी सूखा हुआ है. जयपुर के शहरी इलाकों में तेज बारिश के बाद लोगों को जलभराव के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा, बरसात से शहर की सड़कें खस्ताहाल में पहुंच गई है और वाहन चालकों को भी भारी परेशानी हो रही है.
वहीं रविवार देर शाम तक जयपुर में 4.2 मिलीमीटर बरसात हुई, इससे पहले ही सुबह 8:30 बजे तक करीब 33.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी. इस सीजन में अब तक 57.50 फ़ीसदी अधिक बारिश हो चुकी है. आमतौर पर 1 जून से 30 जुलाई तक सामान्यतः बारिश 265.40 एमएम हुआ करती है. मौसम विभाग ने 1 और 2 अगस्त के लिए जयपुर में अलर्ट जारी किया है. उधर आमेर के ऐतिहासिक मावठे में 13 फीट पानी आ चुका है, रविवार को मावठे में 2 फीट जल स्तर में इजाफा दर्ज किया गया. गौर है कि मावठे की कुल क्षमता 20 फीट है, राजधानी के जल महल के मानसागर पर भी चादर चलने के बाद अतिरिक्त पानी डिस्चार्ज हो रहा है.
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28 जिलों में औसत बरसात का आंकड़ा सुधरा : प्रदेश के 33 जिलों में मानसून सीजन का 85 फीसदी पानी बरस चुका है. वहीं मौसम विभाग ने साल 1971 से लेकर 2020 तक 50 साल की बारिश के रिकॉर्ड का अध्ययन करने के बाद औरत बारिश के आंकड़ों में सुधार महसूस किया है. विभाग के मुताबिक राजस्थान में औसत बारिश करीब 21 मिलीमीटर बढ़ी है. प्रदेश के 28 जिलों में जहां बारिश में इजाफा देखा गया है, वहीं 5 जिलों में कमी भी दर्ज की गई है. पहले प्रदेश में 1 साल में करीब 414.5 मिलीमीटर औसत बारिश होती थी, जो अब 21 मिलीमीटर बढ़कर 435.5 हो चुकी है. पूर्वी राजस्थान में करीब 25 एमएम, तो पश्चिमी राजस्थान में करीब 18 एमएम बारिश बढ़ी है. मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक यह आंकड़े वास्तविक बारिश के आधार पर दर्ज किए गए हैं. मौसम विभाग ने कहा है कि 1 अगस्त को नया परिसंचरण तंत्र बनने के कारण मंगलवार और बुधवार को जयपुर और भरतपुर संभाग में भारी बारिश के आसार हैं.