जयपुर. कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से जुड़े मामले में विधानसभा सचिव की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया. जवाब में माना गया कि विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं होने के चलते उन्हें स्वीकार नहीं किया गया. विधानसभा सचिव की ओर से जवाब की कॉपी याचिकाकर्ता उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को दी गई है. वहीं, हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई भोजन अवकाश के बाद 2:30 पर की जाएगी.
सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई में विधानसभा सचिव से यह विस्तृत रूप से बताने को कहा था कि किन किन विधायकों ने इस्तीफे दिए और विधानसभा स्पीकर ने उन पर क्या कार्रवाई की. अदालत ने विधानसभा सचिव से संबंधित दस्तावेज भी अदालत में पेश करने को कहा था. राजेंद्र राठौड़ की ओर से जनहित याचिका में कहा गया कि कांग्रेस के 91 विधायकों ने गत 25 सितंबर को विधानसभा स्पीकर को अपने इस्तीफे पेश किए थे. इसके बाद 18 अक्टूबर, 19 अक्टूबर, 12 नवंबर और 21 नवंबर को याचिकाकर्ता ने स्पीकर को प्रतिवेदन देकर दिए गए इस्तीफे को लेकर निर्णय करने का आग्रह किया था. इसके बावजूद भी स्पीकर ने अब तक इन इस्तीफों को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया.
याचिका में कहा गया कि यदि कोई विधायक इस्तीफा स्वयं पेश करता है तो विधानसभा प्रक्रिया नियम 173 के तहत स्पीकर के पास इस्तीफा स्वीकार करने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं होता. सिर्फ इस्तीफा स्वैच्छिक और फर्जी है या नहीं, को लेकर ही जांच की जा सकती है. याचिका में यह भी कहा गया कि यह असंभव है कि इतनी बड़ी संख्या में विधायकों से जबरन इस्तीफों पर हस्ताक्षर करवाए गए हो या उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हों. विधायकों के इस्तीफे देने के चलते सरकार सदन में अपना विश्वास खो चुकी है. इसके बावजूद भी इस्तीफा देने वाले मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद सहित अन्य सरकारी बैठकों में शामिल हो रहे हैं. याचिका में भी गुहार की गई है कि इस्तीफा देने वाले विधायकों के नाम सार्वजनिक किए जाएं और बतौर विधायक इनका विधानसभा में प्रवेश से रोका जाए.