जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में एक छात्र ने एचओडी (हेड ऑफ डिपार्टमेंट) पर कई आरोप लगाते हुए आत्मदाह की चेतावनी दी है. लोक प्रशासन विभाग (पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) के एचओडी पर प्रताड़ना और मेन एग्जाम में नहीं बैठने देने का आरोप लगाते हुए छात्र खुद पर पेट्रोल डालकर कुलपति सचिवालय पहुंच गया. यहां विभागाध्यक्ष के खिलाफ उसने जमकर नारेबाजी भी की.
विभाग के एचओडी के खिलाफ नारेबाजी : राजस्थान विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग में छात्रों के सेमेस्टर एग्जाम चल रहे हैं. इस बीच शुक्रवार को होने वाली परीक्षा में तकरीबन 15 छात्रों के एडमिट कार्ड रोक दिए गए, जिसके विरोध में एक छात्र ने आत्मदाह की चेतावनी दी है. कुलपति सचिवालय में छात्र ने खुद पर पेट्रोल डाला और माचिस दिखाते हुए एग्जाम देने की अनुमति मांगी. साथ ही विभाग के एचओडी ओम महला के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
कार्यकाल समाप्त होने पर भी नहीं हटाया : छात्र धनराज चौधरी का आरोप है कि लोक प्रशासन विभाग में छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. कई छात्रों के एडमिट कार्ड रोक रखे हैं, जो मुख्य परीक्षाओं में नहीं बैठ पा रहे. कोई छात्र एचओडी के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे फेल करने की धमकी दी जाती है. छात्र ने आरोप लगाया कि 3 दिन से कुलपति से भी गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही.
छात्र ने लगाए ये आरोप : छात्र नेता रोहित मीणा का आरोप है कि पब्लिक एड. डिपार्टमेंट के करीब 15 छात्र हैं, जिन्होंने एसएससी सीजीएल की परीक्षा के चलते एचओडी से मिड टर्म एग्जाम बाद में कराने की गुहार लगाई थी. उस दौरान उन्होंने मौखिक आश्वासन दिया गया कि परीक्षा बाद में हो जाएगी, लेकिन जब मिड टर्म एग्जाम कराए गए, तो उसका कोई नोटिफिकेशन नहीं निकाला. इसकी वजह से कई छात्र एग्जाम देने से वंचित रह गए.
इसके बाद से छात्र 3 दिन से एचओडी के रूम के बाहर धरना देकर बैठे हैं. कुलपति से लेकर राज्यपाल तक सभी को एप्लीकेशन दी जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. ऐसे में छात्र दुखी होकर आत्महत्या की कोशिश कर रहे हैं. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, जिन्हें देख कर छात्र वहां से भाग गया. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से इस पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है. वहीं विभागाध्यक्ष ओम महला ने छात्रों के आरोपों को मनगढ़ंत बताते हुए कहा कि जो छात्र मिड टर्म में किसी सब्जेक्ट में अनुपस्थित रहे या फिर फेल हो गए, उन्हें सेमेस्टर एग्जाम संबंधित विषय की परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई. ये एक नियमित प्रक्रिया है, छात्र को मिड टर्म में करीब 25 फीसदी अंक लाने जरूरी होते हैं और जिस छात्र ने खुद पर पेट्रोल डाला है, वो मिड टर्म में फेल हो चुका है, फिर भी मुख्य परीक्षा में शामिल करने की जिद कर रहा है.