जयपुर. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षाओं में खुद के स्थान पर दूसरे को परीक्षा देने के लिए भेजना दो अभियर्थियों को भारी पड़ गया. दोषी पाए जाने पर दोनों अभियर्थियों पर बोर्ड ने 5 साल के लिए कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा देने पर रोक लगा दी है.
दरअसल, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड परीक्षा संबंधी नियमों का उल्लंघन होने पर अब तक अब तक 70 अभ्यार्थियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है. शुक्रवार को बोर्ड ने खुद के स्थान पर दूसरे युवक को परीक्षा दिलाने के मामले में दोषी पाए जाने पर दो अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की है. इन अभ्यर्थियों पर 5 वर्ष तक बोर्ड की किसी परीक्षा में बैठने से रोक लगा दी गई है. जिसके बाद ये अभियर्थी चयन बोर्ड की किसी भी परीक्षा का हिस्सा नहीं बन पाएंगे.
राजकुमार निवासी रामसीन मुगरा पचपदरा बाड़मेर ने पीटीआई तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा 2018 के लिए आवेदन किया था. परीक्षा केंद्र छोटी चौपड़ स्थित राजकीय महाराजा बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल में था. 30 सितंबर 2018 को परीक्षा था. राजकुमार ने अपनी जगह रानीवाड़ा जालौर निवासी सुरेश कुमार को परीक्षा में भेज दिया. केंद्र पर पूछताछ की गई तो पोल खुल गई.
परीक्षा केंद्र अधीक्षक ने कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी. वहीं प्रयोगशाला सहायक भर्ती- 2018 में बामनवास सवाई माधोपुर निवासी अजय मीणा पुत्र कालूराम मीणा ने 3 फरवरी 2019 को राजकीय कॉलेज कोटा के परीक्षा केंद्र जगतपुरा जयपुर निवासी शुभम खुटमार को परीक्षा देने भेज दिया. लेकिन शुभम पकड़ा गया. केंद्र अधीक्षक ने एफआईआर नयापुरा थाना कोटा में दर्ज कराई थी. बाद में बोर्ड ने दोनों अभ्यार्थीयों को नोटिस जारी कर सुनवाई के मौका दिया गया, जिसका वे संतोषजनक जवाब नही दे सके.
मामले में बोर्ड ने राजस्थान पब्लिक एग्जामिनेशन एक्ट 1992 के प्रावधानों का उलंघन माना. जिसके बाद दोनों को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के विनियम 2016 के बिंदु 6(2) के तहत दोषी राजकुमार और अजय मीणा को 5 साल तक प्रतिबंधित करने का आदेश दिया.