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Agreement on RTH Bill : दो धड़ों में बंटे डॉक्टर्स, एक धड़ा काम पर लौटेगा, दूसरा जारी रखेगा हड़ताल

राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर चिकित्सकों और डॉक्टर्स के बीच सहमति बन गई है. राज्य सरकार से वार्ता कर लौटे प्राइवेट डॉक्टर के एक धड़े ने काम पर लौटने का ऐलान किया है, जबकि चिकित्सकों का एक ग्रुप अब भी हड़ताल जारी रखने की बात कह रहा है.

Right To Health Bill Protest
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Published : Apr 4, 2023, 4:41 PM IST

Updated : Apr 4, 2023, 5:46 PM IST

दो धड़ों में बंटे डॉक्टर्स

जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में लंबे समय से डॉक्टर्स और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध अब खत्म हो गया है. मंगलवार को सरकार और चिकित्सकों के बीच 8 मांगों पर सहमति बन गई है. इसके बाद प्राइवेट डॉक्टर्स ने बुधवार सुबह 8 बजे से काम पर लौटने का ऐलान किया. हालांकि अभी भी डॉक्टर्स का एक धड़ा आंदोलन जारी रखने की बात कह रहा है.

प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ विजय कपूर ने कहा कि सरकार को यदि जनता की भलाई करनी है, आरटीएच बिल लाना है तो अपने संसाधनों से लाएं. ये कानून सरकारी अस्पतालों पर लगाएं. सरकार ने इस बात पर सहमति दी है कि वो प्राइवेट अस्पताल जो सरकार पर किसी भी तरह से निर्भर नहीं हैं, वो राइट टू हेल्थ बिल में शामिल नहीं किए जाएंगे.

पढ़ें. RTH बिल पर डॉक्टर्स और सरकार में बनी सहमति, हड़ताल खत्म करने का ऐलान बाकी

उन्होंने बताया कि राइट टू हेल्थ बिल सिर्फ सरकारी इंस्टीट्यूशन और ऐसी संस्थानों पर लागू होगा जहां पर सरकार से किसी तरह का अनुबंध है. इसके अलावा पूरा प्राइवेट सेक्टर इससे बाहर रहेगा. उन्होंने कहा कि ये मेडिकल फ्रेटरनिटी की एक बड़ी जीत है. उन्होंने ऐलान किया कि बुधवार सुबह 8 बजे से सारे प्राइवेट डॉक्टर रूटीन काम पर लौटेंगे. उन्होंने डॉक्टर्स की महारैली को विजय जुलूस बताते हुए कहा कि 100 फीसदी डॉक्टर्स सहमत हैं. उनपर किसी प्रकार का दवाब नहीं बनाया गया है.

सभी के गले नहीं उतर रही सहमति : न्यूरो सर्जन डॉ राजवेंद्र चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार और प्राइवेट डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों के बीच जो सहमति बनी है वो सभी लोगों के गले नहीं उतर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर हड़ताल खत्म करने की कोशिश की गई है. ये समझ से परे है. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों से बैठकर चर्चा की जाएगी, लेकिन तब तक हड़ताल जारी रहेगी. जिन आठ बिंदुओं पर सहमति बनी है, उनमें 2-3 बिंदु ऐसे हैं जिन पर 80 परसेंट डॉक्टर सहमत नहीं हैं. अब एक बड़ा धड़ा इसके विरोध में है. ऐसे में किसी भी सूरत में इस हड़ताल को खत्म नहीं माना जा सकता. जब तक ऐसा एमओयू निकलकर सामने नहीं आएगा, जिससे 100 फीसदी डॉक्टर सहमत हो तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

दो धड़ों में बंटे डॉक्टर्स

जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में लंबे समय से डॉक्टर्स और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध अब खत्म हो गया है. मंगलवार को सरकार और चिकित्सकों के बीच 8 मांगों पर सहमति बन गई है. इसके बाद प्राइवेट डॉक्टर्स ने बुधवार सुबह 8 बजे से काम पर लौटने का ऐलान किया. हालांकि अभी भी डॉक्टर्स का एक धड़ा आंदोलन जारी रखने की बात कह रहा है.

प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ विजय कपूर ने कहा कि सरकार को यदि जनता की भलाई करनी है, आरटीएच बिल लाना है तो अपने संसाधनों से लाएं. ये कानून सरकारी अस्पतालों पर लगाएं. सरकार ने इस बात पर सहमति दी है कि वो प्राइवेट अस्पताल जो सरकार पर किसी भी तरह से निर्भर नहीं हैं, वो राइट टू हेल्थ बिल में शामिल नहीं किए जाएंगे.

पढ़ें. RTH बिल पर डॉक्टर्स और सरकार में बनी सहमति, हड़ताल खत्म करने का ऐलान बाकी

उन्होंने बताया कि राइट टू हेल्थ बिल सिर्फ सरकारी इंस्टीट्यूशन और ऐसी संस्थानों पर लागू होगा जहां पर सरकार से किसी तरह का अनुबंध है. इसके अलावा पूरा प्राइवेट सेक्टर इससे बाहर रहेगा. उन्होंने कहा कि ये मेडिकल फ्रेटरनिटी की एक बड़ी जीत है. उन्होंने ऐलान किया कि बुधवार सुबह 8 बजे से सारे प्राइवेट डॉक्टर रूटीन काम पर लौटेंगे. उन्होंने डॉक्टर्स की महारैली को विजय जुलूस बताते हुए कहा कि 100 फीसदी डॉक्टर्स सहमत हैं. उनपर किसी प्रकार का दवाब नहीं बनाया गया है.

सभी के गले नहीं उतर रही सहमति : न्यूरो सर्जन डॉ राजवेंद्र चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार और प्राइवेट डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों के बीच जो सहमति बनी है वो सभी लोगों के गले नहीं उतर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर हड़ताल खत्म करने की कोशिश की गई है. ये समझ से परे है. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों से बैठकर चर्चा की जाएगी, लेकिन तब तक हड़ताल जारी रहेगी. जिन आठ बिंदुओं पर सहमति बनी है, उनमें 2-3 बिंदु ऐसे हैं जिन पर 80 परसेंट डॉक्टर सहमत नहीं हैं. अब एक बड़ा धड़ा इसके विरोध में है. ऐसे में किसी भी सूरत में इस हड़ताल को खत्म नहीं माना जा सकता. जब तक ऐसा एमओयू निकलकर सामने नहीं आएगा, जिससे 100 फीसदी डॉक्टर सहमत हो तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

Last Updated : Apr 4, 2023, 5:46 PM IST
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