जयपुर. राजस्थान में छिड़े सियासी संग्राम (Rajasthan Political Crisis) के बीच राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को भेज दी है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में सीएम अशोक गहलोत को क्लीन चिट दी है. जबकि उनके करीबी मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी व आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को दोषी माना है. इस रिपोर्ट के आधार पर अनुशासन समिति ने तीनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन्हें 10 दिन में जवाब देना होगा.
कारण बताओ नोटिस के बाद गहलोत समर्थकों में और ज्यादा नाराजगी बढ़ गई है. नोटिस पाने वाले धर्मेंद्र राठौड़ ने सचिन पायलट को साफ शब्दों में गद्दार (Sachin Pilot a traitor) बताते हुए कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए भाजपा के साथ मिलकर मानेसर की होटल में रुके और हरियाणा पुलिस के प्रोटेक्शन में रहे. वह राजस्थान की जनता के जेहन में आज भी है. सचिन पायलट देश के एकमात्र ऐसे नेता होंगे जो प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अपनी सरकार को गिराने के लिए भाजपा से मिल गए और इससे बड़ी गद्दारी क्या हो सकती है.
धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि हमें तो अनुशासनहीनता को लेकर नोटिस दिया गया है, लेकिन नोटिस देने वाले अजय माकन जो खुद 34 दिनों तक उन 102 विधायकों के साथ बाड़ेबंदी में मौजूद थे. उन्हें यह ध्यान होना चाहिए कि अनुशासनहीनता से बड़ी गद्दारी होती है और उस गद्दारी के वह खुद 34 दिन तक गवाह रहे हैं.
पायलट मिले हो सकते हैं भाजपा से- धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के 102 विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे को असफल किया. राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मुंह की खानी पड़ी और उनकी साजिश बेनकाब हुई. लेकिन अब जैसे ही अशोक गहलोत का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चला उनकी लोकप्रियता, संवेदनशीलता और राजनीति में पॉपुलर नेता को देखकर मोदी डर गए. हो सकता है कि अशोक गहलोत को रोकने के लिए एक बार फिर वह सचिन पायलट से मिल गए हों. हम किसी से डरने वाले नहीं हैं. यह गहरी साजिश हो सकती है क्योंकि मोदी और अमित शाह के बारे में कहा जाता है कि वह एक बार किसी सरकार को टारगेट कर लेते हैं तो उसे गिरा कर ही रहते हैं. उन्होंने कहा कि हो सकता है यह दोबारा राजस्थान की कांग्रेस सरकार को गिराने का षड्यंत्र हो.
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अजय माकन ने नहीं किया मामले को सही से हैंडल- नोटिस दिए जाने के बाद गुस्से में दिखाई दे रहे धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि शांति धारीवाल के आवास पर विधायकों की बैठक इसलिए हुई क्योंकि विधायकों को यह आशंका थी कि ऐसा नहीं हो कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बन रहे हैं, इस बात में सच्चाई हो. वे गद्दार कहीं मुख्यमंत्री नहीं बन जाए. उन्होंने कहा कि अजय माकन खुद उन परिस्थितियों के गवाह रहे हैं और अगर इस मामले को वह सही से हैंडल करते तो शायद ऐसा मौका आता ही नहीं. उन्होंने कहा कि विधायक चाह रहे हैं कि 102 विधायक जो सरकार बचाने के समय लॉयल रहे, उनमें से किसी को भी मुख्यमंत्री बना दिया जाए लेकिन यह कैसे संभव है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए. उन्होंने कहा कि उन्हें जो नोटिस मिला है उसका वह स्पष्टीकरण अनुशासन समिति को भी देंगे और इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी से समय लेकर मिलने का भी प्रयास करेंगे.