जयपुर. कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाने वाले राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लगातार ये सलाह देते रहे हैं कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालें और राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाएं. इतने विरोध के बावजूद आज भी खिलाड़ी लाल बैरवा के एससी आयोग के ऑफिस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तस्वीर लगी है, लेकिन वो अब सीधे तौर पर गहलोत पर निशाना भी साध रहे हैं (Khiladi lal Bairwa on Rajasthan Politics).
बगावत, नुकसान और आलाकमान: खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि आलाकमान, आलाकमान होता है, जो भी उसे आंख दिखाएगा और उससे बगावत करेगा वो बचेगा नहीं. जब भी आलाकमान को किसी ने आंख दिखाई है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया गया, चाहे कितना ही बड़ा नुकसान क्यों न हो. विधायक दल की बैठक में आने की जगह विधायकों का शांति धारीवाल के निवास पर चले जाने को भी उन्होंने गंभीर अनुशासनहीनता बताया. कहा कि हमें 7 बजे मुख्य सचेतक ने मुख्यमंत्री आवास पर विधायक दल की बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन उन्हीं मुख्य सचेतक ने 5 बजे दूसरी जगह भी बैठक बुला ली, जो गलत है.
अब माकन अपनी रिपोर्ट तैयार कर ले गए हैं और उसमें साफ हो जाएगा कि राजस्थान में किसकी क्या बगावत है और क्या अदावत है (Congress In Rajasthan). इस्तीफा देने वाले विधायकों को लेकर उन्होंने कहा की ये कोई नंबर गेम नहीं चल रहा था, क्योंकि मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामांकन करना था, जिसके चलते खाली हो रही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भी फैसला होना था. यही दोनों फैसलों को लेकर प्रस्ताव आलाकमान के नाम भेजा जाना था लेकिन इसी बीच जो प्रक्रिया हुई वो गलत है.
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मानेसर वाले 5 मंत्री: एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि हर किसी को पता है कि ये हरकत किसके कहने पर हुई. उन्होंने कहा कि आपत्ति तो उन 29 लोगों को है जो जानते हैं कि हम हटने वाले हैं. यही कारण है कि धोखे से विधायकों को दूसरी जगह विधायक दल की बैठक का नाम लेकर बुलाया गया.अगर फोन जाता है तो विधायक पहुंच जाते हैं.
बैरवा ने आलाकमान के प्रति आस्था जताते हुए कहा- आलाकमान जानता है कि किसे क्या बनाना है. सचिन पायलट को लेकर आज सवाल उठाने वाले नेताओं को ये बताना चाहिए कि जब सचिन पायलट के कहने पर 3 नए मंत्री और दो पुराने मंत्रियों समेत पांच मंत्री बनाए गए तब ये नेता कहां थे. इस्तीफा की संख्या को लेकर किए जा रहे दावे पर भी कहा कि दावे भले ही कितने हों लेकिन हकीकत तो स्पीकर सीपी जोशी जानते हैं की कितने नेताओं ने इस्तीफे दिए.
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