जयपुर. राजस्थान प्रदेश पंचायत समिति सदस्य संघ ने सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है. शनिवार को जयपुर में प्रदेश पंचायत समिति सदस्यों की बैठक हुई. जहां राजस्थान सरकार से पंचायत समिति सदस्यों के अधिकार और मांगों को लेकर आंदोलन के आगे की रूपरेखा को लेकर चर्चा हुई.
संघ का कहना है कि प्रदेश के सभी पंचायत समिति सदस्यों ने अपनी मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री व पंचायत राज मंत्री के नाम (Panchayat Samiti Members Warned Gehlot Government) अपने अपने उपखण्ड स्तर पर दिया था. इसमें मांग की है कि सरपंच, प्रधान व जिला प्रमुख की भांति दस्तावेज का सत्यापन, प्रमाणीकरण का अधिकार देने की मांग की है.
इसी प्रकार अपने निर्वाचन क्षेत्र में केंद्र व राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान राशि में से पंचायत समिति सदस्य को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास करवाने का अधिकार देने की मंग की है. मासिक मानदेय 10हजार करने, सदस्य के क्षेत्र में विकास कार्यों के पूर्णतया उपयोगिता प्रमाण पत्र पर पंचायत समिति सदस्य के हस्ताक्षर अनिवार्य करने, पंचायतों में विकास कार्यों की स्वीकृति में सदस्य की मंजूरी अनिवार्य करने, विकास कार्य में पंचायत समिति सदस्य का नाम शिलालेख में लिखने की मांग की है.
पंचायत समिति सदस्य संघ का कहना है कि अभी तक हमारी मांगों को लेकर सरकार ने किसी तरह का कोई फैसला नहीं लिया है. इस पर एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात पंचायत समिति संघ ने कही है. बैठक में सदस्यों ने प्रदेश स्तर, जिला स्तर व पंचायत समिति स्तर पर संघठन बनाने की बात कही है. बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से राजेन्द्र सिंह सुरपुरा को प्रदेश अध्य्क्ष, मुकेश शर्मा को सरंक्षक व भगवान सिंह जादोन को संघ का संयोजक नियुक्त किया.