जयपुर. करीब डेढ़ महीने से जारी नर्सेज आंदोलन शुक्रवार को स्थगित कर दिया गया. एसीएस मेडिकल शुभ्रा सिंह के साथ आंदोलनरत नर्सेज के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता के बाद ड्रेस कोड में परिवर्तन, जिला और उप जिला अस्पतालों में क्रेच खोलने और वित्तीय मांगों पर विचार के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन करने के बाद नर्सेज ने आंदोलन स्थगित किया. साथ ही अनशन पर बैठे नर्सेज को जूस पिलाकर उनकी भूख हड़ताल भी खत्म कराई गई.
प्रदेश के नर्सिंग कर्मचारी अब सफेद पेंट- शर्ट, सफेद साड़ी और सलवार सूट के बजाए एम्स की तर्ज पर स्काई ब्लू शर्ट, नेवी ब्लू पेंट (पुरूष) और ब्लू साड़ी या कुर्ता और नेवी ब्लू सलवार (महिला) सफेद एप्रिन में नजर आएंगे. स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसी वित्तीय वर्ष से नई यूनिफॉर्म लागू करने और उसका भुगतान प्राप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं. साथ ही नर्सेज की मांगों पर एक कमेटी गठित की गई है, जिसमें फाइनेंस डिपार्टमेंट के जॉइंट सेक्रेटरी, मेडिकल एंड हेल्थ की डिप्टी सेक्रेटरी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के गजेटेड और नोन गैजेटेड डायरेक्टर के साथ-साथ राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार को शामिल किया गया है.
नर्सेज की समस्याएं अब खत्म होंगी : नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह ने बताया कि ये कमेटी 4 सितंबर को एसीएस शुभ्रा सिंह के सामने नर्सेज की डिमांड पर बात करेंगी. मुख्य रूप से फाइनेंशियल डिमांड वेतन विसंगति, संविदा से नियमित हुए कर्मचारियों को नोशनल लाभ, पदोन्नति के पद जैसी मांगों पर वार्ता की जाएगी. इसके अलावा नन फाइनेंशियल डिमांड में शामिल ड्रेस कोड में बदलाव का आदेश निकाला जा चुका है, बाकी पाइपलाइन में हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह की सकारात्मक वार्ता हुई है, उससे लगता है कि नर्सेज की समस्याएं अब खत्म होंगी.
दोबारा अनशन पर बैठने के लिए तैयार: उन्होंने कहा कि फिलहाल आंदोलन स्थगित किया गया है. 15 दिन में यदि नर्सेज की मांगों पर शिथिलता बरती गई तो आंदोलन करने के लिए स्वतंत्र हैं. वहीं आमरण अनशन पर बैठे नर्सेज नेता डॉ. राकेश नेहरा ने कहा कि संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने एसीएस से वार्ता की है. सकारात्मक जवाब मिलने के बाद आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया गया है. साथ ही आमरण अनशन भी स्थगित किया गया है. अभी भी उचित समाधान नहीं निकलता है तो दोबारा अनशन पर बैठने के लिए तैयार है.