जयपुर. प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं इसी के चलते अब राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के कामकाज भी सवालों के घेरे में आने लगे है. मामला इतना बड़ा है कि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को हस्तक्षेप करना पड़ा है. चिकित्सा विभाग ने जयपुर समेत प्रदेश के अस्पतालों में चल रही राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के कामकाज का अध्ययन कराया तो राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के प्रबंधन पर सवाल उठे हैं. जांच में पाया गया है कि राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के फंड का ठीक से उपयोग अस्पतालों में नहीं हो पा रहा है.
वहीं कई अस्पतालों में मनमाने तरीके से इस फंड को काम में लिया जा रहा है. मामले की जानकारी जब चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह तक पहुंची तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया और प्रदेश के सभी सीएमएचओ और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखा. पत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने पूछा है कि राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी की ओर से जो फंड जारी हुआ है उसका उपयोग क्यों नहीं हो पा रहा है. और इसका सबसे बड़ा नुकसान मरीजों को उठाना पड़ रहा है. ऐसे में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सोसायटी के द्वारा किए गए आय और व्यय की जानकारी मांगी है.
मौसमी बीमारियों को लेकर केंद्र की ओर से जारी हुई गाइडलाइन
जयपुर. प्रदेश में हर साल मौसमी बीमारियों से बड़ी संख्या में लोगों की मौत होती है. जिसमें स्वाइन फ्लू ,डेंगू और मलेरिया शामिल है. इन बीमारियों की रोकथाम के लिए भारत सरकार ने एक एक्शन प्लान बनाने की तैयारी की है. प्रदेश में अब मौसम बदलने के साथ ही होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए भारत और राज्य सरकार की ओर से एक्शन प्लान बनाया जाएगा. इसके तहत भारत सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि इस एक्शन प्लान के तहत राज्य में टास्क फोर्स का गठन किया जाए. टास्क फोर्स का काम मौसम में होने वाले बदलाव के दौरान ही मौसमी बीमारियों पर लगाम कसना होगा.
प्रदेश की बात करें तो राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मंत्री रघु शर्मा इस टास्क फोर्स का गठन करेंगे, जो एक्शन प्लान पर काम करेगी. प्रदेश भर में अगर मौसमी बीमारियों की बात की जाए तो हर साल स्वाइन फ्लू से बड़ी संख्या में मौत होती है, तो वहीं डेंगू और मलेरिया के मामले भी सामने आते हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो अभी तक स्वाइन फ्लू के करीब 5 हजार पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, और अब तक 201 मौत इस बीमारी के चलते हो चुकी है. तो वही डेंगू के कुल 309 केस अभी तक सामने आ चुके हैं.