जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के बाद अब प्रदेश में राजस्थान लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन होने जा रहा है. जिसमें दलित साहित्य के नवसृजन पर चर्चा की जाएगी. जोधपुर में 25 से 27 मार्च को होने वाले इस आयोजन में 13 सत्र आयोजित होंगे. साहित्य के इस कुंभ में प्रदेश के युवा साहित्यकारों को एक प्रभावी और सशक्त मंच उपलब्ध करवाया जाएगा.
अपने गौरवशाली इतिहास और रंग-बिरंगी संस्कृति के साथ विश्व पटल पर विशेष पहचान बनाने वाले राजस्थान का साहित्य समृद्ध है. युवा पीढ़ी भी इसकी छांव में साहित्यिक साधना कर सके, इसके लिए राजस्थान सरकार ने बजट घोषणा को मूर्त रूप देते हुए साहित्य कुंभ 2023 (राजस्थान लिटरेचर फेस्टिवल) का आयोजन जोधपुर के जनाना बाग में 25 से 27 मार्च तक किया जाएगा. यहां साहित्य के साथ मीडिया, संगीत कला, वर्तमान समाज, सर्वधर्म, वर्तमान लेखन, स्त्री लेखन, राजस्थान की संत परम्परा और साहित्य, भारतीय सिनेमा में राजस्थान का योगदान, बाल साहित्य की चुनौतियां और दलित साहित्य के नवसृजन पर व्यापक विमर्श होगा. साथ ही राष्ट्रीय स्तर का कवि सम्मेलन, मुशायरा, राजस्थानी काव्यपाठ के साथ संगीत संबंधी सत्र भी होंगे.
साहित्य के इस कुंभ के लोगो का विमोचन करते हुए कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2023-24 में साहित्यकारों को प्रोत्साहन के लिये राज्य के चार साहित्यिक मनीषियों कन्हैया लाल सेठिया, कोमल कोठारी, सीताराम लालस और विजय दान देथा के नाम से 4 अखिल भारतीय पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि इस आयोजन से प्रदेश के युवा साहित्यकारों को सशक्त मंच मिलेगा और साहित्य को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध साहित्यकारों, कवियों और शायरों को आमंत्रित किया गया है. आपको बता दें कि इस आयोजन में राजस्थान साहित्य अकादमी, नेहरू बाल साहित्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी, उर्दू अकादमी, संस्कृत अकादमी भी अपना योगदान देंगी.