जयपुर. गुजरात विधानसभा चुनाव की कमान संभाल रहे राजस्थान के मुखिया सीएम अशोक गहलोत 17 और 18 अक्टूबर को (Protest in Gujarat against Gehlot Govt) गुजरात में जनसभाएं करेंगे. हालांकि गुजरात में उन्हें राजस्थान के ही बेरोजगारों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है. गुजरात में पहुंचने वाले राजस्थान कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की जन सभाओं और रैलियों का विरोध करने का एलान बेरोजगार युवाओं ने किया है.
राजस्थान में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले प्रदेश कांग्रेस के सामने मिशन गुजरात (CM public meetings in Gujarat) है. जिसे फतेह करने की जिम्मेदारी कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत को सौंपी है. उन्हें गुजरात का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है. इस नाते से वो 17 और 18 अक्टूबर को गुजरात दौरे पर रहेंगे और वहां जनसभाएं भी करेंगे. उनके अलावा प्रदेश के 13 मंत्री और 10 कांग्रेसी विधायक भी बतौर स्टार प्रचारक गुजरात पहुंचेंगे. जबकि पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पहले ही गुजरात के प्रभारी के तौर पर वहां काम देख रहे हैं. इन सबके बीच प्रदेश का जो युवा गुजरात में दांडी यात्रा निकालने के बाद सत्याग्रह कर रहा है. युवा कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की जनसभाओं और रैलियों का विरोध करने की तैयारियों में जुट गया है.
सत्याग्रह की अगुवाई कर रहे बेरोजगार एकीकृत महासंघ के उपेन यादव ने बताया कि बीते 14 दिन से युवा बेरोजगारों (Rajasthan Jobless Youths Protest) की विभिन्न मांगों को लेकर संघर्ष जारी है. पहले दांडी यात्रा उसके बाद अहमदाबाद में महापड़ाव. लेकिन प्रदेश कांग्रेस सरकार ने सुध तक नहीं ली. लेकिन गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में राजस्थान के कई मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि इन मंत्रियों की सभा में जाकर विरोध किया जाएगा.
उपेन यादव ने कहा कि सीएम का राजस्थान के युवा बेरोजगार बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि मुख्यमंत्री उनके अभिभावक हैं, उम्मीद है कि युवाओं से मिलकर वो न्याय देंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा वाजिब मांगों के लिए संघर्ष कर रहा है. चाहे बजट की घोषणा हो, लखनऊ लिखित समझौते की मांगे हो या मंत्रियों के लिखित समझौते की मांगे. जो सरकार ने वादे किए हैं, उन्हीं को पूरा कराने के लिए युवा संघर्ष कर रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार सुनेगी और यदि नहीं सुनती है तो ये आर-पार की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक राजस्थान नहीं आएंगे. यही लड़ेंगे और जीतेंगे. क्योंकि अब गांधीजी से भगत सिंह बनने वाले हैं और फिर ये लड़ाई 2023 तक जाएगी. जिसके कांग्रेस को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
हालांकि इससे पहले उन्होंने राज्य सरकार की ओर से कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती, ग्राम विकास अधिकारी भर्ती, पशुधन सहायक भर्ती जैसी कई भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को शपथ पत्र देकर लाभ देने के निर्देश का स्वागत भी किया. लेकिन गुजरात में अन्य मांगों को लेकर संघर्ष जारी रहने और 17-18 अक्टूबर को गुजरात में बड़ी रैली निकालने की चेतावनी भी दी है.