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Rajasthan Intercast Marriage: अंतरजातीय विवाह करने वालों के लिए खुशखबरी, अब मिलेंगे 10 लाख रुपए

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Published : Mar 23, 2023, 9:10 PM IST

राजस्थान में अंतरजातीय विवाह करने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी आई है. गहलोत सरकार ने अब अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़े को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दी है.

rajasthan intercast marriage
अंतरजातीय विवाह करने वालों के लिए खुशखबरी

जयपुर. राजस्थान में अंतरजातीय विवाह करने वालों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने अंतरजातीय विवाह करने वालों दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को दोगुना कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना’ के अन्तर्गत अंतरजातीय विवाह के करने के बाद दी जाने वाली राशि को 5 लाख से बढ़ा कर 10 लाख कर दिया है. इस राशि में से 5 लाख रुपए 8 वर्ष के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट कराए जाएंगे,शेष 5 लाख रुपए संयुक्त बैंक खाते में जमा कराए जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः CM Jodhpur Visit: हमारे बजट से कई सरकारों का घोषणा पत्र बनेगा- सीएम गहलोत

राजस्थान में अंतरजातीय विवाह योजना का उद्देश्यः बता दें कि प्रदेश में जातिवाद को खत्म करने के लिए डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना को शुरू किया गया था. इस योजना के तहत राज्य में जो भी व्यक्ति किसी दूसरी जाति की लड़की से शादी करेगा तो प्रदेश की सरकार उसे प्रोत्साहन के रूप में पहले 5 लाख दे रही थी. अब इसे बढ़ाकर 10 लाख कर दिया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य जातिवाद को मिटाने का प्रयास है. इसके लिए सरकार ने आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई थी. इस योजना के तहत सरकार समाज में जाति के भेदभाव को मिटाकर समाज को एक समान करना चाहती है. सरकार की मंशा इस योजना को शुरू करने पीछे ये भी थी कि इंटरकास्ट मैरिज करने के बाद जिस तरह से नव विवाहित जोड़े को कई बार परिवार स्वीकार नहीं करता, ऐसे में उन्हें अपने जीवन की नई शुरुआत में आर्थिक दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था. सरकार की ओर दी जाने वाली इस आर्थिक प्रोत्साहन राशि से ये नवविवाहित जोड़ा अपने नए जीवन के सफर को आसानी से शुरू कर सके.

योजना की विशेषताएंः

  1. इस योजना से राज्य में जाति के आधार पर होने वाला भेदभाव कम होगा.
  2. इस योजना का लाभ मूल रूप से राजस्थान के युवक और युवतियों को ही मिलेगा.
  3. आवेदक की उम्र 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए और न ही किसी प्रकार का कोई आपराधिक मुकदमा होना चाहिए.
  4. युवक और युवती का पहला विवाह होना चाहिए.
  5. दोनों की संयुक्त आय 2.50 लाख रुपये वार्षिक से अधिक नहीं होनी चाहिए.
  6. विवाह की दिनांक से एक वर्ष की अवधि में आवेदन पत्र प्राप्त होने पर ही योजना लाभ प्रदान किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः प्रेम विवाह से नाराज परिजनों ने पत्नी को बनाया बंधक, पति ने HC में लगाई गुहार

राजस्थान में नहीं है कपल सेल्टर होमः राजस्थान में भले गहलोत सरकार ने इंटरकास्ट मैरिज वालों को प्रोत्साहन राशि को बढ़ा दिया हो, लेकिन प्रदेश में आज भी प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा देने के लिए कपल सेल्टर होम नहीं है. प्रदेश में लगातार सामाजिक संगठनों की ओर से यह मांग उठाई जाती रही है कि आये दिन होने वाली ऑनर किलिंग की घटनों से नव विवाहित जोड़ों सुरक्षित आश्रय देने के लिए कपल सेल्टर होम खोला जाये, लेकिन अभी तक उसको खोला नहीं गया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के भी नियम है कि हर राज्य में एक कपल सेल्टर होम तो होना चाहिए.

जयपुर. राजस्थान में अंतरजातीय विवाह करने वालों के लिए अच्छी खबर है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने अंतरजातीय विवाह करने वालों दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को दोगुना कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना’ के अन्तर्गत अंतरजातीय विवाह के करने के बाद दी जाने वाली राशि को 5 लाख से बढ़ा कर 10 लाख कर दिया है. इस राशि में से 5 लाख रुपए 8 वर्ष के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट कराए जाएंगे,शेष 5 लाख रुपए संयुक्त बैंक खाते में जमा कराए जाएंगे.

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राजस्थान में अंतरजातीय विवाह योजना का उद्देश्यः बता दें कि प्रदेश में जातिवाद को खत्म करने के लिए डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना को शुरू किया गया था. इस योजना के तहत राज्य में जो भी व्यक्ति किसी दूसरी जाति की लड़की से शादी करेगा तो प्रदेश की सरकार उसे प्रोत्साहन के रूप में पहले 5 लाख दे रही थी. अब इसे बढ़ाकर 10 लाख कर दिया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य जातिवाद को मिटाने का प्रयास है. इसके लिए सरकार ने आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई थी. इस योजना के तहत सरकार समाज में जाति के भेदभाव को मिटाकर समाज को एक समान करना चाहती है. सरकार की मंशा इस योजना को शुरू करने पीछे ये भी थी कि इंटरकास्ट मैरिज करने के बाद जिस तरह से नव विवाहित जोड़े को कई बार परिवार स्वीकार नहीं करता, ऐसे में उन्हें अपने जीवन की नई शुरुआत में आर्थिक दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था. सरकार की ओर दी जाने वाली इस आर्थिक प्रोत्साहन राशि से ये नवविवाहित जोड़ा अपने नए जीवन के सफर को आसानी से शुरू कर सके.

योजना की विशेषताएंः

  1. इस योजना से राज्य में जाति के आधार पर होने वाला भेदभाव कम होगा.
  2. इस योजना का लाभ मूल रूप से राजस्थान के युवक और युवतियों को ही मिलेगा.
  3. आवेदक की उम्र 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए और न ही किसी प्रकार का कोई आपराधिक मुकदमा होना चाहिए.
  4. युवक और युवती का पहला विवाह होना चाहिए.
  5. दोनों की संयुक्त आय 2.50 लाख रुपये वार्षिक से अधिक नहीं होनी चाहिए.
  6. विवाह की दिनांक से एक वर्ष की अवधि में आवेदन पत्र प्राप्त होने पर ही योजना लाभ प्रदान किया जाएगा.

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राजस्थान में नहीं है कपल सेल्टर होमः राजस्थान में भले गहलोत सरकार ने इंटरकास्ट मैरिज वालों को प्रोत्साहन राशि को बढ़ा दिया हो, लेकिन प्रदेश में आज भी प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा देने के लिए कपल सेल्टर होम नहीं है. प्रदेश में लगातार सामाजिक संगठनों की ओर से यह मांग उठाई जाती रही है कि आये दिन होने वाली ऑनर किलिंग की घटनों से नव विवाहित जोड़ों सुरक्षित आश्रय देने के लिए कपल सेल्टर होम खोला जाये, लेकिन अभी तक उसको खोला नहीं गया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के भी नियम है कि हर राज्य में एक कपल सेल्टर होम तो होना चाहिए.

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