जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर सरस डेयरी के उस आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है, जिसके तहत नायला की ढाणी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति को दूध का उत्पादन व वितरण करने से तीन माह के लिए रोक दिया गया था. इसके साथ ही अदालत ने सहकारिता समितियों के रजिस्ट्रार और जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश नायला की ढाणी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति दौसा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सहकारी समिति जयपुर सरस डेयरी को नियमित रूप से दुग्ध उपलब्ध कराने का काम करती है. जयपुर सरस डेयरी ने गत 16 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर याचिकाकर्ता का दूध का उत्पादन व वितरण तीन माह के लिए निलंबित कर दिया. डेयरी ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता समिति का दूध कम गुणवत्ता का होने के चलते यह निलंबन किया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि जयपुर डेयरी की यह कार्रवाई मनमानी और विधि विरूद्ध है.
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जयपुर डेयरी ने निलंबन आदेश जारी करने से पहले न तो याचिकाकर्ता का पक्ष सुना और न ही उसे किसी तरह का नोटिस दिया गया. याचिका में यह भी कहा गया कि जयपुर डेयरी ने जिस दिन याचिकाकर्ता का निलंबन किया, उस दिन में याचिकाकर्ता से दूध लिया गया. जिससे स्पष्ट है कि उसका दूध कम गुणवत्ता का नहीं है. जयपुर डेयरी के इस आदेश से ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान हो रहा है और वे अपना दूध का व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में जयपुर डेयरी के इस आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.