जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गंगापुर सिटी नगर परिषद के सभापति शिवरतन गुप्ता के निलंबन पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए समय दिया है. वहीं, अदालत ने सरकार को छूट दी है कि जवाब पेश होने के बाद निलंबन पर लगाई जा रही रोक को हटाने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया जा सकता है. जस्टिस महेन्द्र गोवल की एकलपीठ ने यह आदेश शिवरतन गुप्ता की याचिका पर दिया है.
याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता को बीते 12 मई को आदेश जारी कर गंगापुर नगर परिषद के सभापति पद से निलंबित किया गया था. याचिकाकर्ता को सिर्फ एफआईआर दर्ज होने के आधार पर निलंबित किया गया. जबकि कानून के अनुसार जांच नतीजा आने तक निर्वाचित प्रतिनिधि को निलंबित नहीं किया जा सकता. वहीं, सरकारी पक्ष की ओर से जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने निलंबन पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए समय दिया है.
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गौरतलब है कि गंगापुर सिटी नगर परिषद में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराने और जांच अधिकारी बदलने के मामले में सभापति शिवरतन गुप्ता ने बीते दिनों हाइकोर्ट में एक याचिका लगाई थी. जिसमें स्थानीय विधायक रामकेश मीणा के खिलाफ राजनीतिक द्वेषता का आरोप लगाया गया था. वहीं, रामकेश पर आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता ने सफाई, अतिक्रमण, सीवरेज के रखरखाव, बिजली, पट्टा वितरण और भ्रष्टाचार सहित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर आयुक्त, कलेक्टर और डीएलबी सचिव को कई बार शिकायत दी. लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
वहीं, विधायक मीणा की शिकायत पर डीएलबी ने जांच अधिकारी नियुक्त किया और अगले ही दिन जांच अधिकारी बदलकर रामकेश मीणा के प्रभाव में आने वाले अधिकारी को नया जांच अधिकारी बना दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने जांच पर रोक लगाते हुए एमएलए मीणा को नोटिस जारी किया था.