जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नया जिला बनाने के बाद उसके रिक्त पदों को पूर्व जिले में दिखाकर शिक्षकों को पदस्थापित नहीं करने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. अदालत ने शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, और माध्यमिक जिला शिक्षाधिकारी खैरथल-तिजारा से पूछा है कि जब इस जिले में शिक्षक पद रिक्त हैं तो उन्हें अलवर जिले में क्यों दर्शाया गया है?. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश मनोज कुमार सहित अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अदालत को बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने गत 17 जून को आदेश जारी कर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय और स्वामी विवेकानंद राजकीय आदर्श विद्यालय में पदस्थापन के लिए विभाग के शिक्षकों व कार्मिकों से आवेदन मांगे. वहीं विभाग ने प्राप्त आवेदनों के आवेदकों की 10 अगस्त को परीक्षा आयोजित की. इसमें सफल होने के लिए 12 अंक लाने जरूरी थे. विभाग की ओर से गत सितंबर माह में परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों से विकल्प मांगे.
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इसमें याचिकाकर्ताओं ने खैरथल-तिजारा को वरीयता दी. याचिका में कहा गया कि खैरथल-तिजारा जिले में पद रिक्त चल रहे हैं और काउन्सलिंग के समय यह नया जिला भी बन गया था. इसके बावजूद विभाग ने शाला दर्पण पर खैरथल-तिजारा जिले के शिक्षा विभाग के रिक्त पदों को अलवर में दर्शा दिया. जिसके चलते याचिकाकर्ताओं को खैरथल-तिजारा जिला आवंटित नहीं हुआ, जबकि खैरथल-तिजारा के डीईओ ने खाली पदों पर काउन्सलिंग कराने के लिए शिक्षा निदेशक को पत्र भी लिख दिया, लेकिन याचिकाकर्ताओं को इस जिले में पदस्थापित नहीं किया गया. वर्तमान में इस नए जिले में तृतीय श्रेणी लेवल-प्रथम के दो सौ से अधिक पद खाली चल रहे हैं. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.