ETV Bharat / state

Rajasthan High Court: वाटरशेड में काम कर चुके कर्मचारियों को शामिल नहीं करने पर मांगा जवाब - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने वाटरशेड में काम कर चुके कर्मचारियों को राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट सर्विस रूल्स में शामिल नहीं करने के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court,  Rajasthan High Court seeks response
राजस्थान हाईकोर्ट .
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2023, 8:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वाटरशेड स्कीम में काम कर चुके कर्मचारी को राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट सर्विस रूल्स में शामिल नहीं करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने एसीएस पंचायती राज और आयुक्त वाटरशेड सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि याचिकाकर्ताओं की सेवाएं स्थगित होने के कारण उन्हें इस योजना में शामिल क्यों नहीं किया गया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश अनिल कुमार शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रमाकांत गौतम ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2008 से वाटरशेड स्कीम में सामाजिक विज्ञानी के पद पर काम कर रहा है. गत वर्ष राज्य सरकार ने राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट सर्विस लागू की थी. इसके तहत निगम, बोर्ड और विश्वविद्यालय सहित अन्य जगहों पर संविदा पर लगे कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है. वाटरशेड के करीब 140 कर्मचारियों को भी इसके तहत नियमित किया गया.

पढ़ेंः मृत हैड कांस्टेबल का बर्खास्तगी आदेश अवैध, इस अवधि का पूरा वेतन देने के आदेश

वहीं याचिकाकर्ता को यह कहते हुए नियमित करने से इनकार कर दिया कि उसकी सेवाएं वर्ष 2022 से लेकर अब तक स्थगित चल रही हैं. ऐसे में उन्हें नियमित नहीं किया जा सकता. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि वाटरशेड के तहत कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. इनमें से किसी भी कार्यक्रम में याचिकाकर्ता को लगाकर नियमित किया जा सकता है. इसके अलावा पूर्व में उसकी सेवाएं समाप्त नहीं की गई थी, बल्कि वित्तीय कमी के चलते सेवाओं को स्थगित किया गया था. ऐसे में उसे वर्ष 2022 के रूल्स के तहत नियमित किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वाटरशेड स्कीम में काम कर चुके कर्मचारी को राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट सर्विस रूल्स में शामिल नहीं करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने एसीएस पंचायती राज और आयुक्त वाटरशेड सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि याचिकाकर्ताओं की सेवाएं स्थगित होने के कारण उन्हें इस योजना में शामिल क्यों नहीं किया गया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश अनिल कुमार शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रमाकांत गौतम ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2008 से वाटरशेड स्कीम में सामाजिक विज्ञानी के पद पर काम कर रहा है. गत वर्ष राज्य सरकार ने राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट सर्विस लागू की थी. इसके तहत निगम, बोर्ड और विश्वविद्यालय सहित अन्य जगहों पर संविदा पर लगे कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है. वाटरशेड के करीब 140 कर्मचारियों को भी इसके तहत नियमित किया गया.

पढ़ेंः मृत हैड कांस्टेबल का बर्खास्तगी आदेश अवैध, इस अवधि का पूरा वेतन देने के आदेश

वहीं याचिकाकर्ता को यह कहते हुए नियमित करने से इनकार कर दिया कि उसकी सेवाएं वर्ष 2022 से लेकर अब तक स्थगित चल रही हैं. ऐसे में उन्हें नियमित नहीं किया जा सकता. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि वाटरशेड के तहत कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. इनमें से किसी भी कार्यक्रम में याचिकाकर्ता को लगाकर नियमित किया जा सकता है. इसके अलावा पूर्व में उसकी सेवाएं समाप्त नहीं की गई थी, बल्कि वित्तीय कमी के चलते सेवाओं को स्थगित किया गया था. ऐसे में उसे वर्ष 2022 के रूल्स के तहत नियमित किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.