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बिना मंजूरी वन विभाग की जमीन पर टंकी निर्माण को लेकर मांगा जवाब - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने वन विभाग की अनुमति के (Court seeks answer from officials) बिना पानी की टंकी के निर्माण के मामले में अधिकारियों से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court seeks answer,  Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : May 5, 2023, 8:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के शास्त्री नगर इलाका स्थित भट्टा बस्ती के पास वन विभाग की जमीन पर बिना मंजूरी लिए पानी की टंकी का निर्माण करने पर मुख्य सचिव, पीएचईडी सचिव, जिला कलेक्टर और हेरिटेज निगम आयुक्त सहित अन्य से जवाब मांगा है. अदालत ने इन अधिकारियों से आठ मई तक बताने को कहा है कि वन विभाग की अनुमति के बिना यहां पानी की टंकी का निर्माण कैसे किया जा रहा है?. अदालत ने यह आदेश मनोज कुमार जांगिड़ की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि जलदाय विभाग के सीवरेज प्रबंधन निकाय ने 21 जनवरी 2021 को वन विभाग की एनओसी लिए बिना ही डूब क्षेत्र की जमीन पर पानी की टंकी के निर्माण की स्वीकृति दे दी. जबकि यह एरिया नाहरगढ़ नोटिफाइड एरिया है और इकोलॉजिकल सेंसेटिव जोन में आता है. ऐसे में इस एरिया में किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं हो सकता और यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी करना भी है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: प्रार्थना पत्र लंबित रहना आदेश की पालना नहीं करने का आधार नहीं

इकोलॉजिकल सेंसेटिव जोन में निर्माण करने से इसका पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पडे़गा. वहीं इसके लिए वन विभाग से भी एनओसी नहीं ली गई है. याचिका में कहा गया कि यहां पर उच्च पानी की टंकी का निर्माण करना आमजन के जीवन को भी खतरे में डालना है. याचिका में कहा गया कि इस टंकी का निर्माण कार्य राजनीति से जुडे़ स्थानीय लोगों के दबाव में निजी हित के लिए किया जा रहा है. इसलिए इसके निर्माण कार्य को रोका जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के शास्त्री नगर इलाका स्थित भट्टा बस्ती के पास वन विभाग की जमीन पर बिना मंजूरी लिए पानी की टंकी का निर्माण करने पर मुख्य सचिव, पीएचईडी सचिव, जिला कलेक्टर और हेरिटेज निगम आयुक्त सहित अन्य से जवाब मांगा है. अदालत ने इन अधिकारियों से आठ मई तक बताने को कहा है कि वन विभाग की अनुमति के बिना यहां पानी की टंकी का निर्माण कैसे किया जा रहा है?. अदालत ने यह आदेश मनोज कुमार जांगिड़ की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि जलदाय विभाग के सीवरेज प्रबंधन निकाय ने 21 जनवरी 2021 को वन विभाग की एनओसी लिए बिना ही डूब क्षेत्र की जमीन पर पानी की टंकी के निर्माण की स्वीकृति दे दी. जबकि यह एरिया नाहरगढ़ नोटिफाइड एरिया है और इकोलॉजिकल सेंसेटिव जोन में आता है. ऐसे में इस एरिया में किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं हो सकता और यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी करना भी है.

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इकोलॉजिकल सेंसेटिव जोन में निर्माण करने से इसका पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पडे़गा. वहीं इसके लिए वन विभाग से भी एनओसी नहीं ली गई है. याचिका में कहा गया कि यहां पर उच्च पानी की टंकी का निर्माण करना आमजन के जीवन को भी खतरे में डालना है. याचिका में कहा गया कि इस टंकी का निर्माण कार्य राजनीति से जुडे़ स्थानीय लोगों के दबाव में निजी हित के लिए किया जा रहा है. इसलिए इसके निर्माण कार्य को रोका जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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