जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गत दिनों आयोजित नीट परीक्षा के निजी स्कूल में आए सेंटर पर छात्रा की ओएमआर शीट पर पर्यवेक्षक की चाय गिरने को गंभीर माना है. अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इतनी बड़ी परीक्षा में ऐसी लापरवाही होना छोटी घटना नहीं हो सकती है. अदालत ने मामले में हाजिर हुई स्कूल प्रिंसिपल को कहा कि यदि याचिकाकर्ता उनकी बेटी होती तो घटना को वो कितनी गंभीरता से लेती, अदालत भी मामले को उसी गंभीरता से देखेगी.
इसके साथ ही अदालत ने 14 जुलाई को स्कूल प्रिंसिपल व एनटीए को शपथ पत्र के जरिए यह बताने को कहा है कि चाय गिरने के मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई?. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश दिशा शर्मा की विशेष अपील याचिका पर दिए. सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में स्कूली की प्रिंसिपल अदालत में पेश हुई. इस दौरान याचिकाकर्ता की मूल ओएमआर शीट और परीक्षा केन्द्र के सीसीटीवी फुटेज भी पेश किए गए.
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अदालत ने पाया की ओएमआर शीट पर चाय के दाग हैं. इस पर अदालत ने शपथ पत्र पेश कर मामले में अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है. अपील में बताया गया कि गत 7 मई को आयोजित नीट परीक्षा में पर्यवेक्षक के राउंड के दौरान उनकी चाय याचिकाकर्ता की ओएमआर शीट पर गिर गई. सेंटर-कर्मियों ने उसकी ओएमआर शीट को पानी से धो दिया और उसे सूखने रख दिया. इससे याचिकाकर्ता का टाइम खराब हुआ और वह कई प्रश्न करने से वंचित रह गई, इसलिए उसे बोनस अंक दिए जाएं.