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पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन नहीं देने के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने पृथ्वीराज नगर योजना में सोसायटी (electricity connections on society leases) पट्टों पर बिजली कनेक्शन नहीं देने के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Rajasthan High Court reserves,  High Court reserves judgment
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : May 24, 2023, 7:40 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की पृथ्वीराज नगर योजना (पीआरएन) में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन नहीं देने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसके साथ ही अदालत ने पक्षकारों को कहा है कि वे चाहें तो तीन दिन में अपनी लिखित बहस कोर्ट में पेश कर सकते हैं. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश अनंत कासलीवाल व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने कहा कि उन्होंने सोसायटी पट्टों के जरिए पीआरएन में जमीन खरीद कर मकान बनाए थे. वहीं विद्युत अधिनियम की धारा 43 के तहत वे कब्जाधारी की परिभाषा में आते हैं. ऐसे में उन्हें बिजली कनेक्शन जारी किए जाएं, वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कब्जाधारी को कनेक्शन दिए जा सकते हैं.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पेशल फ्यूल सरचार्ज वसूली पर लगाई रोक

अदालत ने कहा कि क्या किसी पार्क में निर्मित धार्मिक स्थल के लिए बिजली कनेक्शन जारी किया जा सकता है, क्योंकि वह भी कब्जाधारी की श्रेणी में ही आता है. इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि वैध कब्जाधारी और अवैध कब्जाधारी की स्थिति में अंतर होता है. वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अभी तक उन्होंने अपने घरों में बिजली के लिए क्या व्यवस्था कर रखी है?. इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सोलर पैनल से काम चलाया जा रहा है. वहीं अदालत ने जेवीवीएनएल के सतर्कता अधिकारी को कहा कि वे आज ही याचिकाकर्ताओं के घरों में जाकर देखें कि क्या उन्होंने किसी अन्य वैध कनेक्शन रखने वाले से बिजली ले रखी है या सोलर पैनल से बिजली उत्पादन किया जा रहा है. अदालत ने सतर्कता अधिकारी को गुरुवार को ही इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की पृथ्वीराज नगर योजना (पीआरएन) में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन नहीं देने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसके साथ ही अदालत ने पक्षकारों को कहा है कि वे चाहें तो तीन दिन में अपनी लिखित बहस कोर्ट में पेश कर सकते हैं. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश अनंत कासलीवाल व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने कहा कि उन्होंने सोसायटी पट्टों के जरिए पीआरएन में जमीन खरीद कर मकान बनाए थे. वहीं विद्युत अधिनियम की धारा 43 के तहत वे कब्जाधारी की परिभाषा में आते हैं. ऐसे में उन्हें बिजली कनेक्शन जारी किए जाएं, वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कब्जाधारी को कनेक्शन दिए जा सकते हैं.

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अदालत ने कहा कि क्या किसी पार्क में निर्मित धार्मिक स्थल के लिए बिजली कनेक्शन जारी किया जा सकता है, क्योंकि वह भी कब्जाधारी की श्रेणी में ही आता है. इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि वैध कब्जाधारी और अवैध कब्जाधारी की स्थिति में अंतर होता है. वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अभी तक उन्होंने अपने घरों में बिजली के लिए क्या व्यवस्था कर रखी है?. इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सोलर पैनल से काम चलाया जा रहा है. वहीं अदालत ने जेवीवीएनएल के सतर्कता अधिकारी को कहा कि वे आज ही याचिकाकर्ताओं के घरों में जाकर देखें कि क्या उन्होंने किसी अन्य वैध कनेक्शन रखने वाले से बिजली ले रखी है या सोलर पैनल से बिजली उत्पादन किया जा रहा है. अदालत ने सतर्कता अधिकारी को गुरुवार को ही इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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