जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पटवारी भर्ती 2020 में कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से अपनाई गई नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने भर्ती में वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति देने पर लगी रोक को हटाते हुए भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली पांच दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिया है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश सुरजीत व अन्य की याचिकाओं पर दिए.
अदालत ने कहा कि बोर्ड ने एक्सपर्ट कमेटी के अनुसार ही नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई थी और इसमें संवैधानिक प्रावधानों व भर्ती के नियमों की अवहेलना नहीं हुई है. इसलिए अदालत 25 जनवरी 2022 की अस्थाई मेरिट लिस्ट व 27 मई 2022 की मेरिट लिस्ट में कोई दखल नहीं देना चाहती. अदालत ने कहा कि अंतिम मेरिट लिस्ट के अनुसार अधिकतर पदों पर नियुक्तियां दे दी गई हैं, ऐसे में बोर्ड वेटिंग लिस्ट के खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को जारी रखे.
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याचिकाओं में कहा था कि पटवारी भर्ती 2020 की प्रतियोगी परीक्षा अक्टूबर 2021 में हुई थी. इसमें प्रथम पारी का पेपर देने वाले सबसे ज्यादा 33 फीसदी अभ्यर्थी चयनित हुए थे. जबकि चौथी पारी में पेपर देने वालों में से केवल 11 फीसदी अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ है. ऐसे में चयन बोर्ड ने भर्ती में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं अपनाई है. वहीं ऐसा संभव नहीं हो सकता कि भर्ती में एक ही पारी वालों का सबसे ज्यादा चयन हुआ हो.
याचिका में कहा गया था कि बोर्ड अब वेटिंग लिस्ट के खाली पदों पर भी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने पर याचिकाकर्ताओं के हित प्रभावित होंगे और वे नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे. इसलिए याचिकाओं के निस्तारण तक वेटिंग लिस्ट से नियुक्तियां नहीं दी जाए. जबकि चयन बोर्ड का कहना था कि उन्होंने नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया सही तरीके से की है और उसके अनुसार ही अंतिम मेरिट लिस्ट बनाई है. इसलिए याचिकाओं को खारिज किया जाए. अदालत ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिसंबर 2022 में वेटिंग लिस्ट से नियुक्तियां देने पर अंतरिम रोक लगा दी थी.