जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक के पीपलू थाना इलाके में बजरी खनन को लेकर हुई युवक के हत्या के मामले में पांच आरोपियों को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है. जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने यह आदेश सुरेश कुमार, रविन्द्र सिंह, सतवीर सिंह, राकेश कुमार और महेन्द्र सिंह की जमानत याचिका को खारिज करते हुए दिया.
अदालत ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार युवक की मौत से ठीक पहले 11 चोटें लगी थी, जिससे यह साबित होता है कि यह जघन्य प्रकृति का अपराध है. ऐसे में आरोपियों को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है. जमानत याचिका में कहा गया कि गत 27 जून की घटना को लेकर 29 जून को एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें याचिकाकर्ताओं के नाम नहीं है. मरने वाला व्यक्ति बजरी खनन का काम करता था.
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वहीं, पीएमआर रिपोर्ट के अनुसार 11 चोटें गंभीर प्रकृति की नहीं थी. इसके अलावा प्रकरण में आरोप पत्र पेश हो चुका है और ट्रायल में लंबा समय लगने की संभावना है. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता मोहित बलवदा ने कहा कि आरोपियों ने इलाके में अपना वर्चस्व दिखाने के लिए युवक की हत्या की है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि 27 जून की रात को बजरी परिवहन के दौरान शंकर की हत्या की गई थी. इस पर उसके भाई ने पुलिस संरक्षण में हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. वहीं, जांच के बाद मामल को सीबीआई को सौंप दिया गया था.