जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नोटिस जारी कर पूछा है कि गर्ल्स स्कूल को संबद्धता देने के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट को क्यों नहीं माना गया. साथ ही बोर्ड ने अलग आधारों पर संबद्धता देने से इनकार क्यों किया?. जस्टिस अवनीश झींगन की एकलपीठ ने यह आदेश स्वामी केशवानंद बालिका शिक्षण संस्थान, सीकर की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता भावना चौधरी बलवदा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता कई सालों से सीकर में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूल संचालित करता है. याचिकाकर्ता ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्धता लेने के लिए गत वर्ष बोर्ड के समक्ष आवेदन किया था. इस पर बोर्ड ने जांच कमेटी बनाकर स्कूल का निरीक्षण कराया. वहीं, बाद में जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद रिव्यू कमेटी बनाई गई. इस रिव्यू कमेटी ने निरीक्षण में स्कूल को लगभग सही माना और बोर्ड के समक्ष अपनी सकारात्मक रिपोर्ट भेज दी.
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वहीं, याचिकाकर्ता ने भी सभी आवश्यक दस्तावेज बोर्ड के समक्ष पेश कर दिए. याचिका में बताया गया कि बोर्ड ने गत 20 नवंबर को याचिकाकर्ता के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया. प्रार्थना पत्र निरस्त करने के आदेश में बोर्ड ने नए आधार बना लिए, जबकि जांच कमेटी और रिव्यू कमेटी ने अपनी जांच में अलग आपत्तियां लगाई थी. याचिका में बताया गया की बोर्ड ने संबद्धता नहीं देने के लिए जानबूझकर काल्पनिक आधारों पर याचिकाकर्ता का आवेदन निरस्त किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.