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Rajasthan High Court: मध्यम मार्ग के व्यापारियों को राहत, कार्रवाई पर लगाई रोक - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने मानसरोवर स्थित मध्यम मार्ग के (gave relief to the traders ) व्यापारियों को राहत देते हुए कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

Rajasthan High Court,  Rajasthan High Court gave relief
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Apr 13, 2023, 3:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के मानसरोवर स्थित मध्यम मार्ग के सैकड़ों व्यापारियों को राहत देते हुए एकलपीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें एकलपीठ ने सेटबैक नहीं छोड़ने वाले निर्माणों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार, नगर निगम, जेडीए और आवासन मंडल से जवाब तलब किया है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश सद्भावना व्यापार मंडल व अन्य की अपील पर दिए.

अपील में सीनियर एडवोकेट राजेंद्र प्रसाद और अधिवक्ता हर्षिता ठकराल ने अदालत को बताया कि एकलपीठ के समक्ष दो लोगों का आपसी विवाद था, लेकिन एकलपीठ ने वृहद स्तर पर यह आदेश जारी कर दिए. जबकि ऐसे आदेश बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करते हैं, इसलिए इसे जनहित याचिका में ही दिया जा सकता है. इसके अलावा वर्तमान के मास्टर प्लान में मानसरोवर इलाके को मिक्स लैंड यूज के तौर पर दर्शाया गया है. ऐसे में यहां आवास के साथ-साथ दुकानें भी संचालित की जा सकती हैं.

पढ़ेंः निगम के नोटिस पर व्यापारियों का जवाब- कमर्शियल यूडी टैक्स लिया जा रहा, फिर अवैध निर्माण कैसे

वहीं 90 मीटर तक के आवासों में सेट बैक छोड़ने का प्रावधान लागू नहीं होता है. अपील में यह भी कहा गया कि एकलपीठ ने आदेश देने से पहले याचिकाकर्ताओं का पक्ष नहीं सुना, जबकि याचिकाकर्ता इस आदेश से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने आदेश की पालना के तहत जारी नोटिस पर कार्रवाई करने पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार, नगर निगम, जेडीए और आवासन मंडल से जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि अदालती आदेश के बाद नगर निगम ग्रेटर ने मानसरोवर मध्यम मार्ग पर आवासीय भवनों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों और सेटबैक को लेकर नोटिस जारी किए थे. साथ ही 7 दिन में अपने स्तर पर अवैध निर्माण हटाने को कहा था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के मानसरोवर स्थित मध्यम मार्ग के सैकड़ों व्यापारियों को राहत देते हुए एकलपीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें एकलपीठ ने सेटबैक नहीं छोड़ने वाले निर्माणों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार, नगर निगम, जेडीए और आवासन मंडल से जवाब तलब किया है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश सद्भावना व्यापार मंडल व अन्य की अपील पर दिए.

अपील में सीनियर एडवोकेट राजेंद्र प्रसाद और अधिवक्ता हर्षिता ठकराल ने अदालत को बताया कि एकलपीठ के समक्ष दो लोगों का आपसी विवाद था, लेकिन एकलपीठ ने वृहद स्तर पर यह आदेश जारी कर दिए. जबकि ऐसे आदेश बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करते हैं, इसलिए इसे जनहित याचिका में ही दिया जा सकता है. इसके अलावा वर्तमान के मास्टर प्लान में मानसरोवर इलाके को मिक्स लैंड यूज के तौर पर दर्शाया गया है. ऐसे में यहां आवास के साथ-साथ दुकानें भी संचालित की जा सकती हैं.

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वहीं 90 मीटर तक के आवासों में सेट बैक छोड़ने का प्रावधान लागू नहीं होता है. अपील में यह भी कहा गया कि एकलपीठ ने आदेश देने से पहले याचिकाकर्ताओं का पक्ष नहीं सुना, जबकि याचिकाकर्ता इस आदेश से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने आदेश की पालना के तहत जारी नोटिस पर कार्रवाई करने पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार, नगर निगम, जेडीए और आवासन मंडल से जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि अदालती आदेश के बाद नगर निगम ग्रेटर ने मानसरोवर मध्यम मार्ग पर आवासीय भवनों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों और सेटबैक को लेकर नोटिस जारी किए थे. साथ ही 7 दिन में अपने स्तर पर अवैध निर्माण हटाने को कहा था.

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