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राज्य सरकार और आयोग की अपील खारिज, पुनः परिणाम में बाहर हुए अभ्यर्थियों को राहत - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2016 के पुन: परिणाम में बाहर हुए अभ्यर्थियों को राहत दी है. साथ ही राज्य सरकार और आरपीएससी की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है.

Rajasthan High Court,  High Court
राज्य सरकार और आयोग की अपील खारिज.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 8, 2024, 9:11 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2016 के पुन: परिणाम में बाहर हुए अभ्यर्थियों को राहत दी है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार और आरपीएससी की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार व आरपीएससी की याचिका पर दिए.

अपील में कहा गया कि शिक्षक भर्ती को लेकर 30 अगस्त 2017 को प्रथम उत्तर कुंजी जारी की गई थी. इसके बाद इस उत्तर कुंजी के आधार पर 20 अप्रैल 2018 को अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई. वहीं, बाद में हाईकोर्ट के आधार पर चार प्रश्नों के जवाब बदले गए. जिसके चलते नियुक्त हुए कुछ अभ्यर्थी बाहर हो गए. वहीं, राज्य सरकार ने 27 सितंबर, 2018 को उन्हें पुनः परिणाम के आधार पर इन अभ्यर्थियों की सेवा समाप्त कर दी. इस आदेश को शीतल बोचल्या व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.

पढ़ेंः तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती: मेरिट में आने के बाद भी विशेष शिक्षक को नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तीन जनवरी 2022 को आदेश जारी कर सेवा समाप्ति के आदेश को रद्द कर दिया. इसे अपील में चुनौती देते हुए कहा गया कि पुन: परिणाम में मेरिट से बाहर होने के चलते अभ्यर्थियों को बाहर किया गया था. वहीं, यदि इन्हें पद पर रखा गया तो विज्ञापन में बताए पदों से अधिक पदों पर नियुक्तियां हो जाएगी. इसलिए एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए. इस पर प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता आरपी सैनी ने कहा कि प्रथम उत्तर कुंजी आरपीएससी ने ही जारी की थी और उसके आधार पर उन्हें नियुक्ति दी गई. जिसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी. ऐसे में पुन: परिणाम के आधार पर उनकी सेवा समाप्त नहीं की जा सकती. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार और आरपीएससी की अपील को खारिज कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2016 के पुन: परिणाम में बाहर हुए अभ्यर्थियों को राहत दी है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार और आरपीएससी की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार व आरपीएससी की याचिका पर दिए.

अपील में कहा गया कि शिक्षक भर्ती को लेकर 30 अगस्त 2017 को प्रथम उत्तर कुंजी जारी की गई थी. इसके बाद इस उत्तर कुंजी के आधार पर 20 अप्रैल 2018 को अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई. वहीं, बाद में हाईकोर्ट के आधार पर चार प्रश्नों के जवाब बदले गए. जिसके चलते नियुक्त हुए कुछ अभ्यर्थी बाहर हो गए. वहीं, राज्य सरकार ने 27 सितंबर, 2018 को उन्हें पुनः परिणाम के आधार पर इन अभ्यर्थियों की सेवा समाप्त कर दी. इस आदेश को शीतल बोचल्या व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.

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जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तीन जनवरी 2022 को आदेश जारी कर सेवा समाप्ति के आदेश को रद्द कर दिया. इसे अपील में चुनौती देते हुए कहा गया कि पुन: परिणाम में मेरिट से बाहर होने के चलते अभ्यर्थियों को बाहर किया गया था. वहीं, यदि इन्हें पद पर रखा गया तो विज्ञापन में बताए पदों से अधिक पदों पर नियुक्तियां हो जाएगी. इसलिए एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए. इस पर प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता आरपी सैनी ने कहा कि प्रथम उत्तर कुंजी आरपीएससी ने ही जारी की थी और उसके आधार पर उन्हें नियुक्ति दी गई. जिसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी. ऐसे में पुन: परिणाम के आधार पर उनकी सेवा समाप्त नहीं की जा सकती. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार और आरपीएससी की अपील को खारिज कर दिया है.

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