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Rajasthan High Court: नौ साल पहले दिए आदेश की तीन दिन में करो पालना, सरकार पर 25 हजार का लगाया हर्जाना - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की पालना 9 साल में नहीं होने (High Court expressed displeasure) पर नाराजगी जताई है. साथ ही राज्य सरकार पर 25 हजार रुपए हर्जाना भी लगाया है.

Rajasthan High Court , High Court expressed displeasure
राजस्थान हाईकोर्ट .
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Published : Aug 18, 2023, 7:51 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रिवाइज्ड पे-स्केल और अन्य परिलाभ का ब्याज सहित भुगतान करने के अदालती आदेश की नौ साल बाद भी पालना नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को आदेश की पालना के लिए आखिरी अवसर दिया है.

अदालत ने कहा है कि तीन दिन में आदेश की पालना सुनिश्चित की जाए. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने 23 अगस्त को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव को पेश होकर देरी का कारण बताने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार पर 25 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है. अदालत ने सरकार को छूट दी है कि वह हर्जाना राशि की वसूली आदेश की पालना करने में देरी करने वाले अफसर से वसूल सकती है. जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश श्याम सुंदर शर्मा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह बड़े आश्चर्य और दुख की बात है कि अदालत की ओर से आदेश देने के नौ साल बाद भी अब तक राज्य सरकार ने पालना नहीं की है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : राज्य सरकार पर 10 हजार का हर्जाना, कोर्ट बोली- आदेश की पालना करो वरना DFO हाजिर होकर दें जवाब

अवमानना याचिका में अधिवक्ता दिवेश शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1982 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में नियमित हुआ था. वहीं उसे रिवाइज पे-स्केल और अन्य परिलाभ नहीं देने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने 16 सितंबर 2014 को याचिका पर निर्णय देते हुए राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह रिवाइज्ड पे-स्केल और अन्य परिलाभ नौ फीसदी ब्याज सहित याचिकाकर्ता को अदा करे. अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के नौ साल बीतने के बाद भी अब तक राज्य सरकार ने आदेश की पालना नहीं की है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता गणेश परिहार ने आदेश की पालना के लिए तीन दिन का समय मांगा. इस पर अदालत ने 25 हजार रुपए का हर्जाना जमा कराने पर राज्य सरकार को पालना के लिए तीन दिन का समय दिया है. पालना नहीं होने पर अदालत ने 23 अगस्त को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रिवाइज्ड पे-स्केल और अन्य परिलाभ का ब्याज सहित भुगतान करने के अदालती आदेश की नौ साल बाद भी पालना नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को आदेश की पालना के लिए आखिरी अवसर दिया है.

अदालत ने कहा है कि तीन दिन में आदेश की पालना सुनिश्चित की जाए. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने 23 अगस्त को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव को पेश होकर देरी का कारण बताने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार पर 25 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है. अदालत ने सरकार को छूट दी है कि वह हर्जाना राशि की वसूली आदेश की पालना करने में देरी करने वाले अफसर से वसूल सकती है. जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश श्याम सुंदर शर्मा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह बड़े आश्चर्य और दुख की बात है कि अदालत की ओर से आदेश देने के नौ साल बाद भी अब तक राज्य सरकार ने पालना नहीं की है.

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अवमानना याचिका में अधिवक्ता दिवेश शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1982 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में नियमित हुआ था. वहीं उसे रिवाइज पे-स्केल और अन्य परिलाभ नहीं देने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने 16 सितंबर 2014 को याचिका पर निर्णय देते हुए राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह रिवाइज्ड पे-स्केल और अन्य परिलाभ नौ फीसदी ब्याज सहित याचिकाकर्ता को अदा करे. अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के नौ साल बीतने के बाद भी अब तक राज्य सरकार ने आदेश की पालना नहीं की है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता गणेश परिहार ने आदेश की पालना के लिए तीन दिन का समय मांगा. इस पर अदालत ने 25 हजार रुपए का हर्जाना जमा कराने पर राज्य सरकार को पालना के लिए तीन दिन का समय दिया है. पालना नहीं होने पर अदालत ने 23 अगस्त को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

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