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Rajasthan High Court: रेल मंत्रालय की याचिका खारिज, याचिकाकर्ता को माना पद के लिए पात्र...कोर्ट ने कही ये बात

राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक लोको पायलट पद पर चयन से जुड़ी रेल मंत्रालय की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है.

Rajasthan High Court dismissed the petition,  Rajasthan High Court
रेल मंत्रालय की याचिका खारिज.
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Published : Feb 3, 2023, 8:34 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक लोको पायलट पद पर चयन के बावजूद नियुक्ति से वंचित करने के मामले में कहा है कि विश्वविद्यालय की ओर से संचालित तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए एआईसीटीई से अलग से मान्यता की जरूरत नहीं होती है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को पद के लिए पात्र माना है. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश रेल मंत्रालय की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए.

अधिवक्ता सुनील समदड़िया ने बताया कि अभ्यर्थी का सहायक लोको पायलट भर्ती-2014 भर्ती में चयन हो गया था. इस दौरान उसके दस्तावेज सत्यापन भी कर लिए. वहीं जुलाई 2015 में जारी अंतिम चयन सूची में उसे शामिल नहीं किया गया और उसे बताया गया कि उसकी शैक्षणिक योग्यता विज्ञापन की शर्तो के अनुसार नहीं है. वहीं केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण में याचिका दायर करने पर अधिकरण ने अभ्यर्थी के पक्ष में फैसला दिया.

पढ़ेंः एडीजे भर्ती को लेकर हाईकोर्ट ने पूछा, परीक्षा में अधिकतम कितने अंक आए और लिखित परीक्षा में कितने अभ्यर्थी बैठे ?

अधिकरण के आदेश पर अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया, लेकिन उसे यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी कि उसकी डिग्री एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त नहीं है. अभ्यर्थी की ओर से इसे वापस अधिकरण में चुनौती देते हुए कहा गया कि उसने निजी विवि से डिग्री ली है. अधिकरण ने अक्टूबर 2020 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को सहायक लोको पायलट की भर्ती में नियुक्ति देने को कहा. इस आदेश को रेल मंत्रालय की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. जिसे खारिज करते हुए खंडपीठ ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से संचालित तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए एआईसीटीई से अलग से मान्यता की जरूरत नहीं होती है. ऐसे में अभ्यर्थी सहायक लोको पायलट पद की नियुक्ति के लिए पात्र है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक लोको पायलट पद पर चयन के बावजूद नियुक्ति से वंचित करने के मामले में कहा है कि विश्वविद्यालय की ओर से संचालित तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए एआईसीटीई से अलग से मान्यता की जरूरत नहीं होती है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को पद के लिए पात्र माना है. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश रेल मंत्रालय की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए.

अधिवक्ता सुनील समदड़िया ने बताया कि अभ्यर्थी का सहायक लोको पायलट भर्ती-2014 भर्ती में चयन हो गया था. इस दौरान उसके दस्तावेज सत्यापन भी कर लिए. वहीं जुलाई 2015 में जारी अंतिम चयन सूची में उसे शामिल नहीं किया गया और उसे बताया गया कि उसकी शैक्षणिक योग्यता विज्ञापन की शर्तो के अनुसार नहीं है. वहीं केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण में याचिका दायर करने पर अधिकरण ने अभ्यर्थी के पक्ष में फैसला दिया.

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अधिकरण के आदेश पर अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया, लेकिन उसे यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी कि उसकी डिग्री एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त नहीं है. अभ्यर्थी की ओर से इसे वापस अधिकरण में चुनौती देते हुए कहा गया कि उसने निजी विवि से डिग्री ली है. अधिकरण ने अक्टूबर 2020 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को सहायक लोको पायलट की भर्ती में नियुक्ति देने को कहा. इस आदेश को रेल मंत्रालय की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. जिसे खारिज करते हुए खंडपीठ ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से संचालित तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए एआईसीटीई से अलग से मान्यता की जरूरत नहीं होती है. ऐसे में अभ्यर्थी सहायक लोको पायलट पद की नियुक्ति के लिए पात्र है.

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