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Rajasthan High Court: मुनेश को पुन: निलंबित करने का रिकॉर्ड मंगाया

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 30, 2023, 9:22 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से मेयर मुनेश गुर्जर को पुनः निलंबित करने के मामले में सुनवाई करते हुए रिकॉर्ड पेश करने के आदेश दिए हैं.

Rajasthan High Court,  High Court asks for records
राजस्थान हाईकोर्ट.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर को गत 22 सितंबर को आदेश जारी कर पुन: निलंबित करने के मामले में डीएलबी को कहा है कि वह निलंबन का रिकॉर्ड मंगलवार को अदालत में पेश करे. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर की याचिका पर दिया.

सुनवाई के दौरान मुनेश की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि मामले में डीएलबी निदेशक और उप निदेशक ने अलग-अलग नोटिस जारी कर जांच कार्रवाई आरंभ की, जबकि एक ही मामले में दो जांच अधिकारी एक साथ जांच नहीं कर सकते. इसलिए प्रकरण से जुड़ा रिकार्ड मंगाया जाए. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता का निलंबन नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों व तथ्यों के विपरीत जाकर किया है. उसके खिलाफ जिन तथ्यों पर जांच हुई है, वे एफआईआर से ही साबित नहीं हो पाए थे. इसलिए उसके निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए उसे रद्द किया जाए.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: मेयर पद से निलंबन के मामले में राज्य सरकार को 6 अक्टूबर तक जवाब पेश करने के निर्देश

दरअसल राज्य सरकार ने मुनेश को दोबारा निलंबित करने वाले आदेश में कहा कि नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों के तहत उन पर पद के दुरुपयोग व कर्तव्य पालन में प्रतिकूल आचरण का आरोप है. मेयर के पति सुशील गुर्जर की ओर से नगर निगम के पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने से जुडे़ मामले में प्रथम दृष्टया मुनेश भी शामिल है. वह भी पूरी तरह से इसके लिए उत्तरदायी है और ऐसे में उसे मेयर पद से निलंबित किया जा रहा है. राज्य सरकार ने पहले भी मुनेश को उनके पति सुशील गुर्जर से जुडे़ इसी मामले के आधार पर निलंबित किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर को गत 22 सितंबर को आदेश जारी कर पुन: निलंबित करने के मामले में डीएलबी को कहा है कि वह निलंबन का रिकॉर्ड मंगलवार को अदालत में पेश करे. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर की याचिका पर दिया.

सुनवाई के दौरान मुनेश की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि मामले में डीएलबी निदेशक और उप निदेशक ने अलग-अलग नोटिस जारी कर जांच कार्रवाई आरंभ की, जबकि एक ही मामले में दो जांच अधिकारी एक साथ जांच नहीं कर सकते. इसलिए प्रकरण से जुड़ा रिकार्ड मंगाया जाए. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता का निलंबन नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों व तथ्यों के विपरीत जाकर किया है. उसके खिलाफ जिन तथ्यों पर जांच हुई है, वे एफआईआर से ही साबित नहीं हो पाए थे. इसलिए उसके निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए उसे रद्द किया जाए.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: मेयर पद से निलंबन के मामले में राज्य सरकार को 6 अक्टूबर तक जवाब पेश करने के निर्देश

दरअसल राज्य सरकार ने मुनेश को दोबारा निलंबित करने वाले आदेश में कहा कि नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों के तहत उन पर पद के दुरुपयोग व कर्तव्य पालन में प्रतिकूल आचरण का आरोप है. मेयर के पति सुशील गुर्जर की ओर से नगर निगम के पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने से जुडे़ मामले में प्रथम दृष्टया मुनेश भी शामिल है. वह भी पूरी तरह से इसके लिए उत्तरदायी है और ऐसे में उसे मेयर पद से निलंबित किया जा रहा है. राज्य सरकार ने पहले भी मुनेश को उनके पति सुशील गुर्जर से जुडे़ इसी मामले के आधार पर निलंबित किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया था.

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