जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा परिषद में कई सालों से संविदा पर काम कर रहे कनिष्ठ अभियंताओं को राजस्थान सिविल पदों पर संविदा पर रखे जाने वाले नियम 2022 में शामिल नहीं करने पर प्रमुख शिक्षा सचिव व राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद आयुक्त से जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश सैयद जहीर आलम व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति संविदा के आधार पर 2005 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत हुई थी. याचिकाकर्ता तब से लगातार इस सेवा में कार्यरत हैं और संतुष्टिजनक काम करते आ रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट नियम, 2022 बनाए हैं. जिसके तहत संविदा कर्मियों को स्थाई किया जा रहा है.
इसके बावजूद भी याचिकाकर्ताओं को इन नियमों के तहत नियमित करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि संविदा सेवा नियम 2022 के तहत उनके समान काम कर रहे पंचायतीराज विभाग के अन्य कनिष्ठ अभियंताओं को नियुक्ति दे दी गई, लेकिन याचिकाकर्ताओं को इन नियमों के तहत नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है. वहीं, याचिकाकर्ता भी पंचायती राज विभाग के कनिष्ठ अभियंताओं की तरह राज्य सरकार का काम ही कर रहे हैं. याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में विभाग को कई बार प्रतिवेदन दिए, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए याचिकाकर्ताओं को संविदा नियमों में शामिल कर इन नियमों के अनुसार ही नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.