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Rajasthan High Court: मेडिकल शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की फैमिली पेंशन की अवधि अलग क्यों ? - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य कर्मचारियों और मेडिकल शिक्षकों (duration of family pension different) की फैमिली पेंशन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई की. इस संबंध में कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court asked the government,  duration of family pension different
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Jan 31, 2023, 8:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों और मेडिकल शिक्षकों की फैमिली पेंशन की अवधि अलग-अलग क्यों हैं?. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ. नीलम जैन की याचिका पर दिए.

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्र शाह और अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में नियमों में बदलाव कर मेडिकल शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 65 कर दिया गया. पेंशन नियम 62 के तहत फैमिली पेंशन का प्रावधान है. इसके तहत राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के सात साल की अवधि तक फैमिली पेंशन देने का प्रावधान है.

पढ़ेंः Central Administrative Tribunal: तलाकशुदा पुत्री को फैमिली पेंशन का लाभ क्यों नहीं?

राज्य सरकार के कर्मचारी साठ साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं. ऐसे में उनके परिवार को अगले 7 साल तक फैमिली पेंशन दी जाती है. वहीं मेडिकल शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल होती है. ऐसे में उनके परिवार को सिर्फ दो साल के लिए ही फैमिली पेंशन का लाभ दिया जाता है. जबकि उन्हें सेवानिवृत्ति से अगले 7 साल यानि 72 साल की उम्र तक फैमिली पेंशन का लाभ मिलना चाहिए. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने अपनी सुविधा के लिए मेडिकल शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 65 साल किया है.

ऐसे में उनकी फैमिली पेंशन की अवधि को बढ़ाकर 67 के बजाए 72 साल किया जाना चाहिए. इसलिए पेंशन नियम के नियम 62 में बदलाव किया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया कि उसके पति डॉ. शशिकांत जैन की न्यूरो सर्जरी के वरिष्ठ प्रोफेसर रहने के दौरान 63 साल की उम्र में मौत हो गई थी. याचिकाकर्ता ने इस संबंध में राज्य सरकार को अभ्यावेदन पेश कर उसे उसके पति की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल के बाद अगले सात साल के लिए फैमिली पेंशन देने की गुहार की थी. लेकिन विभाग ने उसके अभ्यावेदन को निरस्त कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों और मेडिकल शिक्षकों की फैमिली पेंशन की अवधि अलग-अलग क्यों हैं?. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ. नीलम जैन की याचिका पर दिए.

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्र शाह और अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में नियमों में बदलाव कर मेडिकल शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 65 कर दिया गया. पेंशन नियम 62 के तहत फैमिली पेंशन का प्रावधान है. इसके तहत राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के सात साल की अवधि तक फैमिली पेंशन देने का प्रावधान है.

पढ़ेंः Central Administrative Tribunal: तलाकशुदा पुत्री को फैमिली पेंशन का लाभ क्यों नहीं?

राज्य सरकार के कर्मचारी साठ साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं. ऐसे में उनके परिवार को अगले 7 साल तक फैमिली पेंशन दी जाती है. वहीं मेडिकल शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल होती है. ऐसे में उनके परिवार को सिर्फ दो साल के लिए ही फैमिली पेंशन का लाभ दिया जाता है. जबकि उन्हें सेवानिवृत्ति से अगले 7 साल यानि 72 साल की उम्र तक फैमिली पेंशन का लाभ मिलना चाहिए. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने अपनी सुविधा के लिए मेडिकल शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 65 साल किया है.

ऐसे में उनकी फैमिली पेंशन की अवधि को बढ़ाकर 67 के बजाए 72 साल किया जाना चाहिए. इसलिए पेंशन नियम के नियम 62 में बदलाव किया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया कि उसके पति डॉ. शशिकांत जैन की न्यूरो सर्जरी के वरिष्ठ प्रोफेसर रहने के दौरान 63 साल की उम्र में मौत हो गई थी. याचिकाकर्ता ने इस संबंध में राज्य सरकार को अभ्यावेदन पेश कर उसे उसके पति की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल के बाद अगले सात साल के लिए फैमिली पेंशन देने की गुहार की थी. लेकिन विभाग ने उसके अभ्यावेदन को निरस्त कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

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